13 बालिकाओं ने पूरा किया बुख़ारी शरीफ — 72 ने नाज़िरा कुरान मुकम्मल किया
जलसे में कुल 13 होनहार बालिकाओं — अरमाना, फायका, नबिया, उजमा, सदफ, हादिया, मन्ताशा, कहकशा, नाजिया, रुकय्या, सालीहा, जाकिया और सफिया — को बुख़ारी शरीफ मुकम्मल करने पर दस्तारबंदी से नवाज़ा गया।
इसके अलावा 72 बालिकाओं को नाज़िरा कुरान पूरा करने पर भी सम्मानित किया गया। यह नन्हे चेहरों की ज़िंदगी का बेहद अहम और यादगार पल रहा।
मौलाना सलमान बिजनौरी का दिल छू लेने वाला बयान
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मौलाना सलमान बिजनौरी ने बुख़ारी शरीफ का आख़िरी सबक पढ़ाया। उन्होंने इमाम बुखारी रह. की 16 वर्षों की इल्मी मेहनत, परहेजगारी और ईमानदारी पर विस्तार से रोशनी डालते हुए कहा—“आज के दौर की गुमराहियों से बचने का सबसे बेहतरीन जरिया यही है कि हम अपनी बेटियों को दीन के साथ-साथ दुनियावी तालीम भी दें।”
पैग़ंबर मुहम्मद ﷺ के चरित्र पर रोशन बयान
इसके बाद मुफ्ती ज़करिया कासमी, शैख-उल-हदीस (जामिया शम्सुल उलूम, टनढेड़ा) ने पैगम्बर मुहम्मद ﷺ के उत्कृष्ट चरित्र पर दिलनशीन बयान पेश किया। उन्होंने कहा—
“आज दुनिया में पैगंबर मुहम्मद ﷺ की गलत तस्वीर पेश की जा रही है जो हकीकत से बहुत दूर है। इस्लाम तलवार से नहीं, बल्कि अच्छे अख़लाक और इंसानियत से फैला है।”
उलेमा की शिरकत ने जलसे को और रोशन किया
जलसे में मौलाना आबिद, मौलाना मोहम्मद अहमद रशीदी, मौलाना अय्यूब, मौलाना साजिद शामली, मौलाना अकील सहित कई उलेमा-ए-किराम ने खिताब किया।
मौलाना आरिफ, मुफ्ती जुनैद, मुफ्ती आरिफ, कारी मुशर्रफ, कारी मुकीम व अन्य उलेमा भी मौजूद रहे।
जामिया की सालाना रिपोर्ट पेश
जलसे के अंत में जामिया के अध्यक्ष मौलाना तैय्यब कासमी ने सालाना शैक्षिक रिपोर्ट पेश की।
सचिव गुलजार खान ने सभी मेहमानों, उलेमा और अभिभावकों का दिल से शुक्रिया अदा किया।
“समझो भारत” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए
शामली (उ.प्र.) से पत्रकार: शाकिर अली की खास रिपोर्ट
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