शामली। यू.पी. जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा) की दयानंद नगर, शामली में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में आज पत्रकार हितों, सुरक्षा और संगठनात्मक मजबूती को लेकर कई निर्णायक मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष अजित कुमार श्रीवास्तव ने की, जबकि संचालन प्रवीण निर्वाल द्वारा किया गया। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल और फ्रीलांस मीडिया से जुड़े पत्रकारों की उत्साहपूर्ण उपस्थिति ने बैठक को सार्थक और ऊर्जा से भरपूर बनाया।
📌 पत्रकारों के उत्पीड़न पर सख्त रुख
बैठक में पत्रकारों की सुरक्षा का मुद्दा सबसे प्रमुख रहा। जिलाध्यक्ष अजित श्रीवास्तव ने दो टूक कहा—
“पत्रकारों की सच्चाई की लेखनी को दबाने की कोशिश किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"
उन्होंने याद दिलाया कि 16 नवंबर 1966 को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की स्थापना हुई थी, जो लोकतांत्रिक ढांचे में मीडिया की स्वतंत्रता की अहमियत को रेखांकित करती है।
अजित श्रीवास्तव ने जोर दिया कि “लोकतंत्र का चौथा स्तंभ” होने के नाते पत्रकारिता की गरिमा और स्वतंत्रता की रक्षा संगठन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
📌 पत्रकारिता के बदलते दौर पर चिंता
बैठक में कई वरिष्ठ पत्रकारों ने पत्रकारिता के मौजूदा माहौल पर अपने विचार रखे—
- मनोज पंवार, संपादक आंखों-देखे अपराध, ने कहा कि पत्रकारिता की स्वतंत्रता किसी भी सभ्य समाज के लिए अनिवार्य है।
- डॉ. राजेन्द्र गोयल ने आज के पत्रकारिता दौर को चुनौतीपूर्ण बताया, जहाँ निर्भीक रिपोर्टिंग करते समय पत्रकारों को दबाव और जोखिम दोनों झेलने पड़ते हैं।
📌 नए सदस्यों का स्वागत एवं संगठन विस्तार
जिला महामंत्री प्रवीण निर्वाल ने उपजा में कई नए पत्रकारों को सदस्यता दिलाई।
नए सदस्यों को माल्यार्पण कर स्वागत किया गया और संगठन की नीतियों से अवगत कराया गया।
प्रवीण निर्वाल ने बताया कि उपजा का उद्देश्य ब्लॉक, कस्बों और ग्रामीण स्तर तक संगठन के नेटवर्क को मजबूत करना है, जिससे स्थानीय मुद्दे प्रभावी ढंग से सामने आ सकें।
📌 फर्जी पत्रकारिता पर सख्ती की मांग
पत्रकार अनिल कौशिक ने कहा कि फर्जी पहचान पत्र और बोगस चैनलों के नाम पर कुछ लोग पत्रकारिता की छवि को नुकसान पहुँचा रहे हैं।
उन्होंने मांग की कि उपजा सरकार से इस पर सख्त कार्रवाई की मांग प्रमुखता से उठाए, ताकि असली और फर्जी पत्रकारों में स्पष्ट फर्क स्थापित हो सके।
📌 धमकियों और उत्पीड़न के मामलों पर चिंता
बैठक में कई पत्रकारों ने हाल ही में दबंगों द्वारा की गई धमकियों और दुराचार के मामलों को साझा किया।
संगठन ने आश्वासन दिया कि उपजा हर पत्रकार के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा और किसी भी प्रकार के उत्पीड़न का डटकर मुकाबला किया जाएगा।
उपजा जल्द ही जिला प्रशासन से मुलाकात कर पत्रकार सुरक्षा हेतु विशेष प्रोटोकॉल लागू करने की मांग करेगा।
📌 जिम्मेदार पत्रकारिता—जरूरी नसीहत
सूरज कौशिक ने कहा कि खबरों की पुष्टि के बिना उन्हें प्रकाशित नहीं करना चाहिए।
उन्होंने पत्रकारों से आग्रह किया कि खबरों के प्रभाव को समझते हुए केवल सत्यापित सूचना ही प्रकाशित की जाए।
📌 बैठक का समापन
बैठक के अंत में जिलाध्यक्ष अजित कुमार श्रीवास्तव ने सभी पत्रकारों का धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा—
“उपजा सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि पत्रकारों के लिए सुरक्षा कवच और मार्गदर्शक है।”
🎙️ विशेष उपस्थिति
डॉ. राजेन्द्र गोयल, मनोज पंवार, सूरज कौशिक, अनिल कौशिक, मशरूर अंसारी, प्रवीण निर्वाल, अंचल जैन, अजित कुमार श्रीवास्तव सहित जिले के अनेक वरिष्ठ पत्रकार मौजूद रहे।
✍️ 'समझो भारत' राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए —
शामली, उत्तर प्रदेश से अरविंद कौशिक की खास रिपोर्ट
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