गुरु का सम्मान ही सच्चा उत्सव – शामली में शिक्षक दिवस पर विशेष आयोजन

शौकीन सिद्दीकी, ब्यूरो-चीफ | कैमरा: रामकुमार चौहान | "समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका

हर साल 5 सितम्बर को देशभर में शिक्षक दिवस बड़े उत्साह और भावनाओं के साथ मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि जीवन की राह में गुरु का महत्व सर्वोपरि है। गुरु ही हमें अज्ञानता से ज्ञान की ओर ले जाते हैं और जीवन को सार्थक बनाते हैं।

शामली जनपद में भी इस अवसर पर संकल्प शिक्षा सेवा उत्थान समिति ट्रस्ट द्वारा ओशो दीप पब्लिक स्कूल में शिक्षक दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रेरणादायक पंक्तियों से हुई—

"गुरु के बिना क्या जीवन,
गुरुवर तो देते ज्ञान,
जो गुरुओं की ना माने,
जीवन हैं नर्क समान।"

शिक्षकों का सम्मान – समाज के प्रति कृतज्ञता

समिति द्वारा विद्यालय के सभी शिक्षकों को मंच पर सम्मानित किया गया। सम्मान पाने वालों में विद्यालय की प्रिंसिपल प्रियंका मित्तल, वाइस प्रिंसिपल आशीष मित्तल, तथा शिक्षकगण – साक्षी शर्मा, विपुल निर्वाल, आशीष निर्वाल, सीमा राना, हरिओम पुंडीर, आस्था संगल, विशाखा वर्मा, वृंदा महेश्वरी, सृष्टि सेठी, युक्ति शर्मा, लवली छात्रावाल, सोनिया सक्सैना, रूबी पंवार, प्रियंका अरोरा, अर्चना बालियां, भारती शर्मा, संगीता निर्वाल, मोनिका तानवार, पारुल मलिक, पारुल शर्मा, सुमन शर्मा, सलोनी, बरखा निर्वाल, स्वाति पंवार, प्रांजल सोलंकी, स्नेहा और अन्य शिक्षक शामिल रहे।

इन सभी को सम्मानित कर समिति ने समाज को यह संदेश दिया कि गुरुजनों का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।

विशेष अतिथि और संरक्षकों की मौजूदगी

इस अवसर पर कई गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे, जिनमें सुनील अरोड़ा, श्याम लाल एडवोकेट, डॉ. अजय वर्मा, रवि संगल, कमलवीर सिंह, मनोज मित्तल, नितिन एडवोकेट, रजनीश एडवोकेट, रामकुमार वर्मा एडवोकेट तथा समिति के संरक्षक विपुल जैन मुख्य रूप से शामिल रहे। उनकी मौजूदगी ने कार्यक्रम की गरिमा और बढ़ा दी।

गुरु का महत्व – सिर्फ ज्ञान ही नहीं, संस्कार भी

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि गुरु केवल पाठ्य पुस्तकों का ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि हमें जीवन जीने की कला, नैतिकता और संस्कार भी सिखाते हैं। समाज में गुरु-शिष्य परंपरा ही भारतीय संस्कृति की आत्मा है और यही हमारी शिक्षा प्रणाली की नींव है।

निष्कर्ष

शामली में हुआ यह शिक्षक दिवस कार्यक्रम सिर्फ एक औपचारिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह समाज को गुरुजनों के महत्व का संदेश देने वाला प्रेरक उदाहरण था। संकल्प शिक्षा सेवा उत्थान समिति ट्रस्ट द्वारा किया गया यह प्रयास निश्चित ही सराहनीय है और आने वाली पीढ़ियों को शिक्षकों के प्रति आदर का भाव सिखाने वाला है।


✍️ "समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
📍 शामली, उत्तर प्रदेश से खास रिपोर्ट – शौकीन सिद्दीकी
📸 कैमरा: रामकुमार चौहान
📞 8010884848
🌐 www.samjhobharat.com
📧 samjhobharat@gmail.com

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