कैराना। नगर का साहित्यिक और पत्रकारिता जगत को उस समय उत्साह और गर्व से भर उठा, जब वरिष्ठ पत्रकार मेहरबान अली कैरानवी को उनके निष्पक्ष, सत्यनिष्ठ और खोजपूर्ण पत्रकारिता कार्य के लिए सम्मानित किया गया। यह सम्मान नगर के मशहूर शायर और कैराना रत्न रियासत अली ताबिश द्वारा शील्ड और प्रशस्ति-पत्र भेंट कर प्रदान किया गया।
सम्मान समारोह में नगर के साहित्यकारों, पत्रकारों, समाजसेवियों और बुद्धिजीवियों की बड़ी संख्या मौजूद रही। कार्यक्रम की शोभा बने रियासत अली ताबिश की मौजूदगी ने माहौल को और भी खास बना दिया।
रियासत अली ताबिश की शख्सियत का जादू
रियासत अली ताबिश का नाम कैराना की पहचान है। वे न सिर्फ़ एक बड़े शायर हैं, बल्कि अदब और तहज़ीब की जीती-जागती मिसाल भी हैं। उनकी ग़ज़लों और नज़्मों में मोहब्बत, इंसानियत और समाज के हालात का सजीव चित्रण मिलता है। साहित्य जगत में उन्हें कैराना रत्न की उपाधि इसलिए दी गई क्योंकि उनकी शायरी ने न सिर्फ़ नगर, बल्कि प्रदेश और देश में भी कैराना का नाम रोशन किया।
कार्यक्रम में बोलते हुए ताबिश ने कहा कि – “पत्रकार और शायर दोनों ही समाज का आईना होते हैं। एक अपने अल्फ़ाज़ से लोगों के दिलों को छूता है तो दूसरा अपनी कलम से सच उजागर करता है। मेहरबान अली कैरानवी जैसे पत्रकार समाज की असली ताक़त हैं।”
मेहरबान अली कैरानवी की बेबाक लेखनी
सभागार में मौजूद वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि मेहरबान अली कैरानवी ने पत्रकारिता को हमेशा मिशन की तरह जिया है। उन्होंने दबाव और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सच की राह नहीं छोड़ी। उनकी रिपोर्टिंग ने आम जनता की आवाज़ को ताक़त दी और मज़लूम वर्ग के लिए न्याय की लड़ाई को धार दी।
रियासत अली ताबिश ने कहा – “जब सच लिखना मुश्किल हो और कलम पर पहरा हो, तब भी जो पत्रकार बेख़ौफ़ होकर सच्चाई सामने रखे, वही असली पत्रकार कहलाता है। मेहरबान अली कैरानवी उसी क़द्र के पत्रकार हैं।”
भावुक हुए कैरानवी
सम्मान ग्रहण करते हुए मेहरबान अली कैरानवी भावुक नज़र आए। उन्होंने कहा कि – “यह सम्मान मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि उस हर आम आदमी की जीत है, जिसकी आवाज़ को मैंने अपनी रिपोर्टिंग में जगह दी। पत्रकारिता मेरे लिए रोज़गार नहीं, बल्कि समाज सेवा है और यह काम मैं जीवनभर करता रहूँगा।”
समारोह का समापन
कार्यक्रम का समापन नगर के साहित्यकारों और समाजसेवियों के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। मंच पर जब रियासत अली ताबिश ने शील्ड और प्रशस्ति-पत्र भेंट किया, तो पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा। इस मौके पर साहित्य और पत्रकारिता का संगम देखने को मिला, जिसने गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल पेश की।
नगरवासियों ने कहा कि यह सम्मान समारोह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगा और कैराना की पहचान को नई ऊँचाइयाँ प्रदान करेगा।
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