कैराना में यमुना का कहर: मामौर झील की मेढ़ टूटने से हजारों बीघा खेत जलमग्न, भारतीय किसान यूनियन ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

कैराना ।  क्षेत्र के किसानों के लिए आज एक गंभीर परिस्थिति पैदा हो गई है। ग्राम मामौर की झील बारिश और यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण टूट गई, जिससे आसपास के मामौर, सहपत, पंजीठ, मवी, नगला खेड़ा, खुरगान और मौहम्मदपुर राय गांवों में हजारों बीघा खेत जलमग्न हो गए।

स्थानीय किसानों ने बताया कि पंजीठ से गुजरने वाला नाला भी टूट गया, जिससे पानी और तेजी से गांवों की ओर फैल गया। किसानों की फसलें बर्बाद होने लगी हैं और कई परिवारों की आजीविका संकट में आ गई है।

इस स्थिति को देखते हुए भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी सक्रिय हुए। उन्होंने उप जिला अधिकारी कैराना, निधि भारद्वाज से मुलाकात कर किसानों की समस्याओं को सामने रखा और विस्तृत ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में किसानों के खेतों और फसलों को हुए नुकसान, जल निकासी की आपात स्थिति और आर्थिक संकट से निपटने के लिए तुरंत प्रभावी कदम उठाने की मांग की गई।

इस मौके पर उपस्थित भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी और टीम सदस्य थे: राजेश चौहान, इमरान अस्तका, कपिल साटियान, मोहित शर्मा, अनिल कुमार माला, इमदादुल्ला, शांता प्रधान, पुष्कर सिंह सैनी, इनाम उर्फ कालू, गुरदीप चौधरी, नवाब अली, फैज़ान अहमद, जावेद अली, अमजद।

किसान नेताओं ने प्रशासन से आग्रह किया कि प्रभावित क्षेत्रों में जलनिकासी की व्यवस्था तुरंत शुरू की जाए, फसल नुकसान का आकलन किया जाए और प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आवश्यक कदम नहीं उठाए गए, तो किसानों का संकट और गहरा सकता है।

भारतीय किसान यूनियन शामली के मीडिया प्रभारी तालिब चौधरी ने कहा कि संगठन हमेशा किसानों के हित में तत्पर है और इस मुद्दे पर लगातार निगरानी रखेगा।

कैराना क्षेत्र में यह घटना यह संकेत देती है कि भारी बारिश और यमुना नदी के उफान के समय किसान अत्यंत संवेदनशील स्थिति में रहते हैं, और ऐसे समय में किसान संगठनों की सक्रिय भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। रिपोर्ट - गुलवेज़ आलम कैराना
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