बिडौली। बिडौली सादात स्थित इमाम बारगाह में मजलिस के दूसरी रात जागकर खुदा का जिक्र करना, नोहाखानी तथा शोग मनाया गया। इमाम बारगाह में दूसरी मजलिस सोमवार देर रात आयोजित हुई। मजलिस में मौलाना कौसर हुसैन मजहरी ने बयान में कहा कि कलम ए कुदरत ने लिखा है कि इमाम हुसैन हिदायत का चिराग और निजात का सफीना भी हैं।
उन्होंने कहा पूरी इंसानी तारीख में नवासे रसूल हजरत इमाम हुसैन अ. स. वह अकेली शख्सियत हैं जिनकी याद हर मजहब वाला मनाता है। इमाम हुसैन ने किसी एक मजहब के लिए नहीं बल्कि पूरी इंसानियत के लिए कुर्बानी दी है। मौलाना ने जब इमाम हुसैन के छह महीने के मासूम बेटे हजरत अली असगर और चार साल की मासूम बेटी जनाबे सकीना की दर्दनाक शहादतों को बयान किया तो अजादार रोने लगे।
मजलिस के बाद अंजुमने सज्जादिया ने कर्बला वालो को याद कर सीनाजनी की, इससे पहले तिलावत ए कुरान पाक आबिद हुसैन,मर्सियाखानी सय्यद वसी हैदर, सय्यद गुलाम अली,गुड्डू मिया,जिया मेंहदी, नफीस शाह,नोहखानी शौकीन शाह, अली रजा,हसन अली जैदी, हासिम शाह ,मिन्हाल मेहदी, के द्वारा की गई। मजलिस का आगाज रात्रि 12बजे तक जारी रहा।
मजलिस की अध्यक्षता फजल अली उर्फ अच्छू मिया ने की। मजलिस में,सय्यद नियाज हैदर,सय्यद मेहताब मेहदी,नासिर अली,शब्बर हुसैन,आफताब मेहदी,डॉक्टर रज़ी बाकर,जिया मेहदी,रेहान हैदर,सलीम शाह
तस्लीम शाह,सज्जाद मेहदी,कमर रजा, हामिद शाह,क़ादिर अली, बाकिर शाह,दानियाल जैदी, सय्यद कमर अब्बास, शेर अली,कम्बर, आगाज रजा, मुख्तार मेहदी, डॉक्टर बाकर, खुर्रम ज़ैदी, मोलाना अली रजा,मोलाना ऑन मोहम्मद,कासिम शाह, आदि मोजूद रहे। समझो भारत राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए शाकिर अली की रिपोर्ट
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