बागपत। उत्तर प्रदेश पुरस्कृत शिक्षक वेलफेयर सोसाइटी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान शिक्षकों ने प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए नाराज़गी भी जताई।
शिक्षकों की मुख्य मांग है कि राज्यपाल और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त अध्यापकों की सेवा आयु माध्यमिक शिक्षा विभाग में 65 वर्ष की जाए। साथ ही उन्हें रेल यात्रा में भी वही छूट मिले, जो परिवहन निगम की बसों में मिल रही है।
मेडिकल और गेस्ट हाउस सुविधा की भी मांग
ज्ञापन में कैशलेस मेडिकल भत्ता और सरकारी गेस्ट हाउसों में नि:शुल्क ठहरने की सुविधा की मांग रखी गई। परिवहन बसों में डाक कार्ड की जगह स्मार्ट कार्ड देने और पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को एक पद की पदोन्नति का लाभ दिलाने की बात भी उठाई गई।
कार्यालय में सूची न होने पर रोष
सोसाइटी ने कहा कि प्रदेश के अन्य जिलों में बीएसए कार्यालय में पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों की सूची लगी हुई है, लेकिन बागपत में यह सूची आज तक नहीं लगाई गई। इसे प्रशासन की लापरवाही बताते हुए तुरंत लगाने की मांग की गई।
बैठक न होने से गहरी नाराज़गी
सबसे गंभीर आरोप जिला शिक्षा समिति की बैठकों को लेकर लगाया गया। शिक्षकों का कहना है कि डीएम की अध्यक्षता में हर माह यह बैठक होनी चाहिए, जिसमें शिक्षा व्यवस्था और सुधार पर चर्चा होती है। लेकिन कई वर्षों से बैठक न होने पर शिक्षकों में गहरी नाराज़गी है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन का सहारा लेने को बाध्य होंगे।
कौन-कौन रहे मौजूद
ज्ञापन देने वालों में जिला अध्यक्ष हारून अली, उपाध्यक्ष शानू निगम, मंत्री मोहम्मद यामीन, महामंत्री रीना रानी और कोषाध्यक्ष कविता सिंह सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। "समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए पत्रकार गुलवेज आलम की खास रिपोर्ट
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