स्वामी स्वदेशानंद ब्रह्म गिरि को राष्ट्र रत्न सम्मान, भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का संदेश

लखनऊ, उत्तर प्रदेश।

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दू संस्कृति और भारत के गौरव को स्थापित करने वाले संत और बौद्धिक नेता स्वामी स्वदेशानंद ब्रह्म गिरि महाराज को राष्ट्र रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान नरेन्द्र मोदी विचार मंच द्वारा आयोजित दो दिवसीय परिवार समन्वय बैठक में प्रदान किया गया, जो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में संपन्न हुई।

बैठक का आयोजन राष्ट्रीय संगठन महामंत्री दिलीप सिंह, प्रदेश अध्यक्ष ब्रजेश मिश्रा एवं राष्ट्रीय महामंत्री संजय पाण्डे के नेतृत्व में हुआ और इसकी अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि चाणक्य ने की। इस दो दिवसीय बैठक में नरेन्द्र मोदी विचार मंच के 28 अनुषांगिक संगठन के अध्यक्षों और राष्ट्रीय महामंत्रियों ने भाग लिया।

राष्ट्र रत्न सम्मान और स्वामी महाराज का संदेश

स्वामी स्वदेशानंद ब्रह्म गिरि महाराज ने कहा कि यह सम्मान मेरे लिए अत्यंत प्रेरणादायक है और इसके लिए मैं मंच के सभी पदाधिकारियों का आभारी हूँ। उन्होंने बताया कि आठ माह के भीतर उनके नेतृत्व में पूरे भारत और नेपाल, भूटान में संगठन का गठन और मजबूती के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।

स्वामी महाराज ने आगे कहा कि 11 एवं 12 अक्टूबर को गुजरात के गांधी नगर में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा जनवरी में
दिल्ली के जंतर-मंतर
पर लाखों साधु-संतों और बुद्धिजीवियों को एक मंच पर लाकर 11 सूत्रीय मांगों के तहत भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने, गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा देने और साधु-संतों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाने का देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।

स्वामी स्वदेशानंद ब्रह्म गिरि महाराज ने सभी सनातनियों को एक मंच पर आने और हिन्दू राष्ट्र की मांग सरकार से करने का आव्हान किया। उनके शब्दों में, “एक रहोगे तो ने रहोगे और बटोगे तो कटोगे”, जो स्पष्ट संदेश देता है कि संगठन और समुदाय को एकजुट रहना ही सर्वोपरि है।

उनका मुख्य उद्देश्य स्पष्ट है: भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना और सनातन संस्कृति का सम्मान स्थापित करना।


✍️ समझो भारत राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए
रिपोर्टर: ज़मीर आलम, उत्तर प्रदेश डेस्क
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