"दहेज" — एक ऐसा शब्द जो आज भी हमारे समाज में विवाह जैसी पवित्र संस्था को कलंकित करता है। यह केवल एक लेन-देन नहीं, बल्कि कई बार किसी बेटी की जिंदगी और मौत के बीच की दूरी बन जाता है। ताज़ा मामला उत्तर प्रदेश के जनपद शामली की गढ़ी पुख्ता तहसील के ओदरी गांव का है, जहां रूपा नाम की एक विवाहिता को दो लाख रुपये की अतिरिक्त दहेज न मिलने पर इस कदर प्रताड़ित किया गया कि जान तक लेने की कोशिश की गई।
💔 शादी से शुरू हुई जिल्लत की कहानी
रूपा की शादी वर्ष 2023 में दिल्ली पुलिस में तैनात लोकेश कुमार पुत्र जयवीर सिंह से हुई थी, जो दिल्ली के थाना ज्योतिनगर क्षेत्र की उमर कॉलोनी में रहता है। शादी में लड़की पक्ष ने लगभग 18 लाख रुपये खर्च किए। मगर ये रकम लोकेश और उसके घरवालों को संतुष्ट नहीं कर पाई। उन्होंने रूपा से अतिरिक्त दो लाख रुपये की मांग शुरू कर दी।
रूपा के मुताबिक, शादी के कुछ ही समय बाद उसे पता चला कि लोकेश पहले भी रेणु नाम की एक महिला से शादी कर चुका था और दहेज की मांग पूरी न होने पर उसे भी छोड़ चुका था। रूपा ने जब दो लाख देने से इनकार किया, तो उस पर मारपीट और मानसिक उत्पीड़न की बाढ़ आ गई। शराब पीकर लोकेश ने उसे पीटना शुरू कर दिया।
👶 माँ बनने के बाद भी नहीं मिली राहत
इस बीच रूपा एक बेटी की माँ बनी। मायके पक्ष ने बच्ची के जन्म पर खूब सामान भी भेजा, लेकिन ससुराल पक्ष की लालच की आग बुझने का नाम नहीं ले रही थी। एक दिन लोकेश समेत अन्य ससुरालियों — सास मीना, ननद अवंतिका और प्रदीप (गांव बेहटा, गाजियाबाद) — ने मिलकर रूपा को जान से मारने की कोशिश की। जैसे-तैसे रूपा ने अपने मायकेवालों को बुलाया, मगर जब वे वहां पहुँचे, तो ससुरालियों ने उनसे भी मारपीट की और रूपा को घर से बाहर निकाल दिया।🚨 पुलिस की निष्क्रियता और एसपी का एक्शन
रूपा ने पहले महिला थाने में तहरीर दी, लेकिन वहां से कोई कार्यवाही नहीं हुई। अंततः उसने जनपद शामली के एसपी से गुहार लगाई। एसपी के निर्देश पर गढ़ीपुख्ता पुलिस ने लोकेश कुमार, मीना, अवंतिका व प्रदीप के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
❗ समाज के लिए प्रश्नचिह्न: क्या बेटियाँ केवल "लेन-देन" का माध्यम हैं?
यह घटना केवल रूपा की नहीं है, बल्कि हर उस बेटी की है जो अपनी नई जिंदगी की शुरुआत एक सपने की तरह करती है लेकिन दहेज के राक्षस उसके सपनों को चकनाचूर कर देते हैं। समाज में शिक्षा, जागरूकता और कानून के होते हुए भी ऐसी घटनाएं दर्शाती हैं कि मानसिकता में बदलाव लाना अभी बाकी है।👉 "समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका आपसे अपील करती है कि यदि आपके आसपास भी कोई ऐसी बेटी है जो दहेज या घरेलू हिंसा की शिकार है, तो चुप न रहें। आवाज़ उठाइए, क्योंकि चुप्पी कई बार मौत से भी बड़ी सजा बन जाती है।
📌 रिपोर्टर: पप्पू राणा
📍स्थान: गढ़ी पुख़्ता, जनपद शामली, उत्तर प्रदेश
📞 संपर्क: 8010884848
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