शामली जिला अस्पताल की हालत दयनीय: शौचालयों में भारी गंदगी, स्वच्छ भारत मिशन का उड़ रहा मजाक

शामली।

एक ओर जहां भारत सरकार "स्वच्छ भारत मिशन" के ज़रिए देश को साफ-सुथरा और रोगमुक्त बनाने का सपना देख रही है, वहीं दूसरी ओर शामली के जिला संयुक्त चिकित्सालय की दुर्दशा इस मिशन का उपहास उड़ा रही है। अस्पताल परिसर में खास तौर पर प्रसाधन कक्षों (टॉयलेट्स-बाथरूम्स) की हालत इतनी खराब है कि वहां कदम रखना भी मुश्किल हो रहा है।

शौचालयों में बदबू, गंदगी और संक्रमण का खतरा

जिला अस्पताल के पुरुष और महिला दोनों शौचालयों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। जगह-जगह पेशाब और शौच से भरे पॉट, बहता गंदा पानी और बेतरतीब कचरे की भरमार न केवल आम मरीजों को बल्कि उनके परिजनों को भी संक्रमित करने का सीधा खतरा बन चुकी है। अस्पताल जैसी जगह, जहां स्वच्छता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, वहां ऐसी स्थिति निश्चित ही चिंता का विषय है।

चिकित्सा विभाग की घोर लापरवाही

हैरानी की बात यह है कि इस गंभीर स्थिति के बावजूद जिला चिकित्सा विभाग और प्रशासन आंख मूंदे बैठा है। अस्पताल में रोज़ाना वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, ड्यूटी स्टाफ और सफाई कर्मचारियों की मौजूदगी होती है, इसके बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की जा रही। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि चिकित्सा विभाग का रवैया पूरी तरह से गैर जिम्मेदाराना और लापरवाही से भरा है।

क्या यही है 'स्वच्छ भारत' की तस्वीर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान के तहत करोड़ों रुपये की योजनाएं संचालित की जा रही हैं। लेकिन शामली जिला अस्पताल की तस्वीर इस मिशन की असफलता की पोल खोलती है। क्या इन योजनाओं का लाभ जनता तक नहीं पहुंच रहा? या फिर स्थानीय अधिकारी इन योजनाओं को गंभीरता से लेने को तैयार नहीं हैं?

आम जनता मजबूर, रोगियों को और बीमार कर रहा अस्पताल

एक मरीज इलाज की उम्मीद में अस्पताल आता है, लेकिन यहां उसे मिलने वाली गंदगी और दुर्गंध पहले से अधिक बीमार कर देती है। अस्पताल के अंदर साफ-सफाई न होने से संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा बना हुआ है, खासकर मौसमी बुखार, डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड जैसे रोगों के बढ़ने की आशंका है।

जिम्मेदार कौन?

यह सवाल अब हर किसी की जुबान पर है कि इस बदहाली का जिम्मेदार कौन है? क्या सफाई कर्मचारियों की लापरवाही, या प्रशासन की अनदेखी? या फिर यह पूरे सिस्टम की सामूहिक असफलता है? जवाबदेही तय होना जरूरी है, वरना यह हालात और भी भयावह बन सकते हैं।

क्या होनी चाहिए कार्रवाई?

  • जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी को तुरंत निरीक्षण कर सफाई कर्मचारियों और संबंधित एजेंसी पर कार्रवाई करनी चाहिए।
  • जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को इस मुद्दे पर संज्ञान लेना चाहिए।
  • मीडिया रिपोर्ट के आधार पर सरकार को भी स्वतः संज्ञान लेते हुए जिले के अस्पतालों का ऑडिट करवाना चाहिए।
  • नागरिकों को भी जागरूक होकर अस्पताल प्रशासन पर दबाव बनाना होगा ताकि ऐसे हालात में सुधार हो।

जिला ब्यूरो-चीफ शौकीन सिद्दीकी
कैमरामैन: रामकुमार चौहान
समझो भारत न्यूज़
📞 8010884848
#SwachhBharat #ShamliHospital #स्वच्छभारत #SamjhoBharat



No comments:

Post a Comment