राष्ट्रपति भवन में आकांक्षा दीदियों का सम्मान: सपनों ने छुआ आसमान

लेखक: ज़मीर आलम | "समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका


तारीख़: 17 जुलाई 2025 | स्थान: राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली

कभी नमक-हल्दी-मसाले से भरी झोली उठाए जो महिलाएं जीवन की रोज़मर्रा की चुनौतियों से जूझती रहीं, उन्हें जब भारत के राष्ट्रपति भवन में आमंत्रण मिला, तो यह सिर्फ़ एक आम मुलाक़ात नहीं थी — यह इतिहास था, जो महिलाओं की आत्मनिर्भरता, मेहनत और दृढ़ संकल्प की मिसाल बन गया।

गुड्डी देवी, मुन्नी खरवार, हलीमा और माया लोदी — ये नाम अब सिर्फ़ गांवों के किसी गुमनाम कोने में नहीं, बल्कि राष्ट्र के सर्वोच्च संवैधानिक पद से जुड़ी एक गौरवशाली स्मृति में अंकित हो चुके हैं। ये सभी महिलाएं लखनऊ स्थित आकांक्षा समिति के “मसाला मठरी केंद्र” से जुड़ी हैं और आईएएस अधिकारी डॉ. रश्मि सिंह की अगुवाई में एक क्रांतिकारी यात्रा पर निकली हैं — आत्मसम्मान, आजीविका और पहचान की यात्रा।


✨ राष्ट्रपति से आत्मीय संवाद

जब इन साधारण से दिखने वाली असाधारण महिलाओं ने भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से मुलाक़ात की, तो न सिर्फ़ एक सपना पूरा हुआ, बल्कि देशभर की महिलाओं के लिए एक नई उम्मीद भी जगी।

राष्ट्रपति महोदया ने गर्मजोशी से सभी दीदियों का स्वागत किया और उनके कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता, स्वास्थ्य, बच्चों की शिक्षा और सामाजिक सशक्तिकरण जैसे विषयों पर खुलकर बात की। उन्होंने यह भी कहा कि:

"प्रशासनिक अधिकारियों की पत्नियाँ यदि चाहें, तो समाज के वंचित वर्गों के लिए परिवर्तन की वाहक बन सकती हैं।"

उनकी यह टिप्पणी एक स्पष्ट संदेश थी — सेवा का भाव अगर सही दिशा में हो, तो पद और पहचान सिर्फ़ औपचारिकता नहीं, बल्कि परिवर्तन का औज़ार बन जाते हैं।


📘 आकांक्षा की उपलब्धियाँ और भविष्य की योजनाएं

इस गरिमामय अवसर पर आकांक्षा समिति उत्तर प्रदेश की अध्यक्ष डॉ. रश्मि सिंह ने अपने एक वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियाँ राष्ट्रपति को एक कॉम्पेंडियम के रूप में भेंट की। उनके साथ संस्था की सचिव श्रीमती प्रतिभा सिंह और उपाध्यक्ष डॉ. प्रीति चौधरी भी उपस्थित रहीं।

उन्होंने बताया कि किस प्रकार मसाला मठरी केंद्र जैसी पहलें ग्रामीण और शहरी सीमांत महिलाओं को रोज़गार, स्वावलंबन और सामाजिक सम्मान प्रदान कर रही हैं।

राष्ट्रपति महोदया ने उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद में आकांक्षा समिति की सक्रिय उपस्थिति सुनिश्चित करने की बात कही और इस प्रयास को "महिला सशक्तिकरण का रोल मॉडल" बताया।


💫 एक प्रेरणा, एक परिवर्तन

राष्ट्रपति भवन की सीढ़ियाँ चढ़ते समय इन दीदियों की आंखों में जो आश्चर्य और आत्मविश्वास था, वह शायद किसी बड़ी क्रांति की आहट है। यह मुलाक़ात सिर्फ़ सम्मान नहीं थी, यह उस नारी शक्ति की पहचान थी जो घरों से निकलकर राष्ट्र के निर्माण में भागीदारी निभा रही है।

इस ऐतिहासिक क्षण ने यह साबित कर दिया कि महिला सशक्तिकरण केवल नारे नहीं, जमीनी परिवर्तन के ठोस कदमों से ही साकार होता है — और आकांक्षा समिति इस दिशा में न सिर्फ़ एक नाम है, बल्कि एक आंदोलन बन चुकी है।


📰 रिपोर्ट: ज़मीर आलम, प्रधान संपादक
📍 समझो भारत राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
📞 8010884848
📩 samjhobharat@gmail.com
🌐 www.samjhobharat.com

#SamjhoBharat #RashtrapatiBhavan #DroupadiMurmu #AkankshaSamiti #WomenEmpowerment #MasalaMathriKendra #ZameerAlam #समझोभारत #नारी_शक्ति #इतिहास_की_दीदियाँ

No comments:

Post a Comment