गाजियाबाद में 'फर्ज़ी दूतावास' का भंडाफोड़: वेस्ट आर्कटिका का फर्जी एम्बेसडर गिरफ्तार(उत्तर प्रदेश एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई, हवाला, जालसाजी और अंतरराष्ट्रीय साजिशों का पर्दाफाश)

✍️ रिपोर्टर: ज़मीर आलम

समझो भारत राष्ट्रीय समाचार पत्रिका, उत्तर प्रदेश डेस्क
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🛑 फर्जी कूटनीति का खेल खत्म: एसटीएफ की बड़ी सफलता

उत्तर प्रदेश एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने 22 जुलाई 2025 को एक बड़ी और चौंकाने वाली कार्रवाई करते हुए गाजियाबाद में चल रहे एक अवैध अंतरराष्ट्रीय दूतावास का भंडाफोड़ कर दिया है। इस ऑपरेशन में हर्ष वर्धन जैन, पुत्र जे. डी. जैन, निवासी केबी-45, कविनगर, गाजियाबाद को गिरफ्तार किया गया है।

हर्षवर्धन एक किराए के मकान (केबी-35 कविनगर) में West Arctica नामक तथाकथित देश का दूतावास चला रहा था। यही नहीं, वह खुद को West Arctica, Saborga, Poulvia, Lodonia जैसे अज्ञात व स्वयं-घोषित देशों का काउंसल/राजदूत बताकर आम जनता, कारोबारी, और कंपनियों को गुमराह करता था।


🕵️‍♂️ फर्जी कूटनीतिक छवि का इस्तेमाल

हर्षवर्धन जैन अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए कई हथकंडों का इस्तेमाल करता था, जिनमें प्रमुख हैं:

  • डिप्लोमैटिक नम्बर प्लेट लगी गाड़ियों से घूमना
  • प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, और अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ मॉर्फ की हुई फोटोज़ का प्रचार
  • फर्जी कूटनीतिक पासपोर्ट व ID कार्ड
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संपर्क होने का दावा

🧾 बरामदगी: जब्त हुए करोड़ों के साक्ष्य

एसटीएफ की कार्रवाई में जो सामग्री बरामद हुई, वह इस पूरे गिरोह के बहुआयामी अपराधों को उजागर करती है:

  1. डिप्लोमैटिक नम्बर प्लेट लगी चार लग्जरी गाड़ियाँ
  2. 12 माइक्रोनेशन देशों के फर्जी डिप्लोमेटिक पासपोर्ट
  3. विदेश मंत्रालय की मोहर लगी कूटरचित दस्तावेज
  4. दो फर्जी पैनकार्ड
  5. विभिन्न कंपनियों और देशों की 34 नकली मुहरें
  6. दो फर्जी प्रेस कार्ड
  7. ₹44,70,000 नगद राशि
  8. कई देशों की विदेशी मुद्राएं
  9. 18 डिप्लोमेटिक नम्बर प्लेट
  10. कंपनियों और एजेंसियों से जुड़े सैकड़ों दस्तावेज

🌐 हवाला और अंतरराष्ट्रीय लिंक

हर्षवर्धन जैन की गतिविधियाँ सिर्फ फर्जी राजनयिक पहचान तक सीमित नहीं थीं।
जांच में सामने आया है कि वह:

  • शेल कंपनियों के माध्यम से हवाला रैकेट चलाता था
  • विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर एजेंटों से मोटी रकम वसूलता था
  • पूर्व में कुख्यात चंद्रास्वामी और अदनान खगोशी (International Arms Dealer) जैसे विवादित व्यक्तियों से संपर्क में रहा है

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 में भी हर्षवर्धन के पास से अवैध सैटेलाइट फोन बरामद हुआ था, जिसका अभियोग थाना कविनगर में पंजीकृत है।


📜 कानूनी कार्यवाही जारी

फिलहाल आरोपी हर्षवर्धन के खिलाफ थाना कविनगर, गाजियाबाद में गंभीर धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर वैधानिक कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।

उत्तर प्रदेश एसटीएफ यह पता लगाने में जुटी है कि इस गिरोह के अन्य कौन-कौन से लोग और संस्थाएं इस फर्जी नेटवर्क से जुड़े हैं।


🗣️ निष्कर्ष:

यह मामला एक गंभीर चेतावनी है — आम नागरिकों, कंपनियों और संस्थाओं के लिए।
आम जनता को इस प्रकार के कथित अंतरराष्ट्रीय पदाधिकारी, राजदूत, या माइक्रोनेशन के नाम पर झांसा देने वालों से सावधान रहने की जरूरत है।
सरकारी एजेंसियों की तत्परता सराहनीय है, जिसने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय फर्जीवाड़े को समय रहते बेनकाब कर दिया।


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