"अब अश्लीलता नहीं चलेगी डिजिटल भारत में!"
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting - MIB) ने एक बेहद अहम और निर्णायक कदम उठाते हुए 24 मोबाइल ऐप्स और वेबसाइट्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन ऐप्स पर अश्लील, वयस्क और सॉफ्ट पोर्न सामग्री के प्रचार-प्रसार का आरोप था, जो भारतीय कानूनों और डिजिटल नैतिकता का उल्लंघन करता है।
यह फैसला न केवल डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को नियंत्रित करने की दिशा में मील का पत्थर है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और नैतिक पहचान को संरक्षित करने की पहल भी है।
📜 किस आधार पर लगी रोक?
मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, ये प्लेटफ़ॉर्म्स सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 और 67A, भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 294, तथा महिलाओं के अश्लील चित्रण (निषेध) अधिनियम, 1986 की धारा 4 का उल्लंघन करते पाए गए।
इन कानूनों का उद्देश्य है अश्लील और यौन स्पष्ट सामग्री का डिजिटल माध्यमों से प्रसारण रोकना और महिलाओं के खिलाफ होने वाले डिजिटल उत्पीड़न पर लगाम लगाना।
🛑 किन ऐप्स पर लगा प्रतिबंध?
प्रतिबंधित ऐप्स और वेबसाइट्स में शामिल हैं:
- ULLU
- ALTT (Alt Balaji)
- बिग शॉट्स ऐप
- Boomex
- Desiflix
- Navrasa Lite
- गुलाब ऐप
- MoodX
- कंगन ऐप
- बुल ऐप
- जलवा ऐप
- Wow Entertainment
- Look Entertainment
- HitPrime
- Feneo
- ShowX
- Soul Talkies
- Adda TV
- HotX VIP
- हलचल ऐप
- NeonX VIP
- Fugi
- MozFlix
- TriFlix
इन सभी प्लेटफ़ॉर्म्स पर अश्लील और अनैतिक कंटेंट के चलते कार्रवाई की गई है।
🗣️ राजनीतिक प्रतिक्रिया भी आई सामने
शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा:
"यह बहुत अच्छी खबर है। मैंने उल्लू और ऑल्ट बालाजी जैसे ऐप्स की सामग्री पर पहले भी चिंता जताई थी और संसद की स्थायी समिति में मुद्दा उठाया था। खुशी है कि सरकार ने समय पर ध्यान दिया और उचित कदम उठाया।"
📡 ISP और टेलीकॉम विभाग को निर्देश
MIB ने दूरसंचार विभाग (DoT) को निर्देशित किया है कि वे इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISPs) के साथ समन्वय स्थापित कर इन ऐप्स और वेबसाइट्स को ब्लॉक करने की प्रक्रिया को पूरी तरह से लागू करें।
इसका उद्देश्य है कि भारत में आम जनता को इन प्लेटफ़ॉर्म्स तक पहुँच न मिल सके और डिजिटल स्पेस को सुरक्षित और नैतिक बनाया जा सके।
🌐 डिजिटल भारत की नैतिक दिशा
यह फैसला दर्शाता है कि भारत सरकार अब डिजिटल क्षेत्र में अनियंत्रित अश्लीलता और अनैतिकता को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी। OTT प्लेटफ़ॉर्म्स को भी अब यह स्पष्ट संकेत मिल चुका है कि कंटेंट की स्वतंत्रता का मतलब सामाजिक मर्यादा का उल्लंघन नहीं है।
"समझो भारत" का मत:
इस कदम से जहां डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स पर नियंत्रण मजबूत होगा, वहीं युवाओं और बच्चों को भी अनावश्यक अश्लील कंटेंट से सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी। यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से सराहनीय निर्णय है।
📞 रिपोर्ट: सैय्यद अल्ताफ़ (महाराष्ट्र)
✉️ samjhobharat@gmail.com
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