वाल्मीकि नवयुवक संघ द्वारा शामली की मेधावी छात्राओं का सम्मान — शिक्षा के दीप से समाज में परिवर्तन की ओर एक कदम

दिनांक: 22 जून 2025 | स्थान: टटीरी, बागपत (उत्तर प्रदेश)

शिक्षा वह दीपक है जो अज्ञानता के अंधकार को मिटाकर समाज को प्रकाशमान करता है। इसी विश्वास के साथ अखिल भारतीय वाल्मीकि नवयुवक संघ द्वारा टटीरी (बागपत) में एक गरिमामयी कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें शामली जनपद की तीन प्रतिभाशाली छात्राओं — काजल वाल्मीकि, लक्ष्मी और रितिका को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया।

यह सम्मान समारोह उन छात्रों को प्रेरित करने के उद्देश्य से किया गया, जो सीमित संसाधनों के बावजूद शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। काजल वाल्मीकि वर्तमान में बी.ए. उत्तीर्ण कर एलएलबी की पढ़ाई कर रही हैं, वहीं रितिका ने कक्षा 12 और लक्ष्मी ने कक्षा 10 में अच्छे अंक प्राप्त कर अपने जिले और समाज का नाम रोशन किया है।

प्रेरणादायक वक्तव्य एवं सामाजिक संदेश

कार्यक्रम में उपस्थित अरविंद झंझोट ने छात्रों को सुभाषित देकर प्रोत्साहित किया और कहा:

“शिक्षा वह ज्ञान है जो समाज को रोशन करता है। आज जब हमारे समाज के बच्चे आईएएस, पीसीएस जैसी उच्च परीक्षाओं में सफल हो रहे हैं, तो यह संकेत है कि दलित समाज भी तेजी से प्रगति की ओर अग्रसर है।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें संगठित होकर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए और सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए शिक्षित युवाओं को समाज के लिए समय निकालना चाहिए।

काजल वाल्मीकि का प्रेरणादायक संदेश

कुमारी काजल वाल्मीकि ने भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर को स्मरण करते हुए शिक्षा को उनके दर्शन का मूल स्तंभ बताया और सभी छात्राओं से बाबा साहब की नीतियों और विचारों को अपनाने का आग्रह किया।

“बाबा साहब ने कहा था – शिक्षित बनो, संगठित बनो, संघर्ष करो। यही मार्ग हमें सामाजिक समानता और आत्मसम्मान की ओर ले जाता है।”

विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति

इस विशेष अवसर पर कई सम्माननीय व्यक्तित्वों ने भाग लिया और छात्राओं को सम्मानित किया, जिनमें शामिल हैं:

  • वीर सिंह धीगान (विधायक, दिल्ली)
  • एडवोकेट रमेश भंगी
  • गौतम रामचंद्र वाल्मीकि (राष्ट्रीय अध्यक्ष, महर्षि वाल्मीकि सेना)
  • विजेंदर वाल्मीकि (जिला अध्यक्ष, भीम आर्मी, मेरठ)

इन सभी ने छात्राओं को आशीर्वाद देते हुए समाज के नव निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने का आवाहन किया।


निष्कर्ष:

इस सम्मान समारोह ने यह साबित किया कि अगर मार्गदर्शन, शिक्षा और समाज का समर्थन मिले, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। वाल्मीकि नवयुवक संघ द्वारा उठाया गया यह कदम ना केवल छात्राओं को प्रोत्साहन देने वाला है, बल्कि समाज के अन्य युवाओं के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत है।सशक्त समाज की नींव – शिक्षित युवा, संगठित समाज।जय भीम। जय भारत। "समझो भारत" 

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