शामली। किसान सचिन कुमार ने जमीन की कुर्रेबंदी कराने के लिए अनेक प्रयास किये लेकिन उसका कार्य नहीं हुआ। इस काम को कराने के लिए किसान लेखपाल के अलावा सभी वरिष्ठ अधिकारियों के भी चक्कर काट चुका है लेखपाल पर ज़मीन की कुर्रेबंदी करने के लिए रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगा था। प्रशासनिक उपेक्षा से हताश किसान ने जिलाधिकारी से इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है। हाल निवासी मोहल्ला काका नगर किसान सचिन कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पत्रकारों को बताया कि पिछले चार वर्षों से उसकी जमीन की कुर्रेबंदी का मामला लंबित है। कुर्रे भरे जा चुके हैं लेकिन हल्का लेखपाल उन्हें जमा नहीं कर रहा है। किसान के अनुसार, एसडीएम द्वारा लेखपाल को कुर्रे जमा करने का आदेश भी दिया जा चुका है, इसके बावजूद लेखपाल किसान से 40,000 रुपये रिश्वत की मांग कर रहा था। लेकिन अब किसान ने बताया कि लेखपाल विभागीय जांच में दोषी पाया गया है जिस पर कार्रवाई अम्ल में लाई जा रही है। बता दें कि किसान का आरोप है कि वह लंबे समय से प्रशासनिक कार्यालयों के चक्कर काट रहा था लेकिन कोई समाधान नहीं निकल रहा।थक-हारकर और मानसिक रूप से टूट चुके किसान सचिन कुमार ने अब जिलाधिकारी से इच्छा मृत्यु की अनुमति देने की मांग की थी। लेकिन अब एसडीएम् की जांच कारवाई से सचिन कुमार संतुष्ट हैं। किसान की जमीन की नायब तहसीलदार और अधिक जांच कर एसडीएम् साहब को रिपोर्ट सौंपेंगे। किसान सचिन जांच से संतुष्ट हैं इसलिए वह कोई भी गलत कार्य जिससे उनकी जानमाल को खतरा हो नहीं करेंगे। समझो भारत न्यूज शामली से जिला ब्यूरो-चीफ शौकीन सिद्दीकी के साथ कैमरामैन रामकुमार चौहान की रिपोर्ट
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