वीडियो में लकड़ी माफिया सरकारी अधिकारियों का पूरा चिट्ठा खोलता हुआ नजर आ रहा है, जिसमें वह बता रहा है कि किस प्रकार सरकारी अधिकारी उनके साथ मिलकर इस पूरे अवैध काम को करवाते हैं।
वीडियो में दिखाई दे रहे व्यक्ति का नाम साकिब है, जो अवैध आरा मशीनों का संचालन करता है। वह बता रहा है कि गढ़ी अब्दुल्ला गांव में 22 से 25 आरा मशीनें चल रही हैं, जो पूरी तरह से अवैध हैं। प्रत्येक आरा मशीन से 2500 रुपये वन विभाग और 2500 रुपये चौकी को जाते हैं।
साकिब यह भी बता रहा है कि उनके पास वन विभाग, पुलिस और अन्य लोग भी आते रहते हैं और वह सभी का सम्मान करते हैं। वह किसी के साथ भी कोई लड़ाई-झगड़ा नहीं करते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि इससे उन्हें ही नुकसान होगा। इसलिए, वह बिना किसी से लड़ाई-झगड़ा किए बगैर ही सभी को हर महीने सुविधा शुल्क देते हैं।
यह वीडियो वायरल होने के बाद सरकारी अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने से बचते हुए नजर आ रहे हैं। अब देखना यह होगा कि ऐसे लोगों पर कार्यवाही आखिर कब होगी?
उत्तर प्रदेश में लकड़ी माफिया की गतिविधियां बढ़ रही हैं और कई जगहों पर वन विभाग और पुलिस की मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं। कुछ ऐसे ही मामले बाराबंकी और बलरामपुर में भी सामने आए हैं, जहां लकड़ी माफिया ने सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध कटाई की है ।
क्या प्रशासन इन अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने में सक्षम होगा या नहीं, यह देखना होगा। फिलहाल, वायरल वीडियो ने एक बार फिर से इस मुद्दे को गरमा दिया है और सरकार से कार्रवाई की मांग की जा रही है।समझे भारत न्यूज से जिला ब्यूरो-चीफ शौकीन सिद्दीकी के साथ कैमरामैन रामकुमार चौहान की रिपोर्ट
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