लेखक: तसलीम अहमद | समझो भारत राष्ट्रीय समाचार
हरिद्वार, उत्तराखंड
जन शिकायतों को गंभीरता से न लेने वाले अधिकारियों के खिलाफ हरिद्वार जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सख्त रुख अपनाते हुए पांच अधिकारियों का वेतन रोक दिया है। यह कार्यवाही सीएम हेल्पलाइन और सीएम जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज जन समस्याओं के निस्तारण में लापरवाही पाए जाने पर की गई है।
कार्रवाई की सूची में ये अधिकारी शामिल
सोमवार को ज़िला कार्यालय सभागार में हुई विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने जिन अधिकारियों पर कार्यवाही की, वे हैं:
- जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक)
- चकबंदी अधिकारी, रुड़की
- अधिशासी अधिकारी, शिवालिक नगर
- तहसीलदार, हरिद्वार
- तहसीलदार, रुड़की
इन सभी का माह जून का वेतन रोका गया है और साथ ही कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
जन समस्याओं के निस्तारण में शिथिलता अस्वीकार्य
बैठक में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने दो टूक कहा:
"जन समस्याओं का समयबद्ध समाधान ही प्रशासन की पहली ज़िम्मेदारी है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या टालमटोल बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि हर अधिकारी सीएम हेल्पलाइन और जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज शिकायतों पर त्वरित प्रतिक्रिया दें और आवश्यकता होने पर स्वयं शिकायतकर्ता से दूरभाष पर बात करें।
मॉनिटरिंग होगी प्रतिदिन
डीएम ने बताया कि जन समस्याओं के समाधान को लेकर अब प्रतिदिन कॉल मॉनिटरिंग की जा रही है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अधिकारी न केवल फोन करें, बल्कि समस्या का प्रभावी और स्थायी समाधान भी सुनिश्चित करें।
साफ संदेश – ज़वाबदेही तय होगी
हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित का यह कदम साफ संदेश देता है कि उत्तराखंड में गुड गवर्नेंस केवल भाषणों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि ज़मीनी स्तर पर ठोस कार्यवाही के साथ लागू किया जाएगा।
यह कार्रवाई न केवल अधिकारियों के लिए चेतावनी है, बल्कि जनता को यह भरोसा भी देती है कि उनकी आवाज़ सुनी जा रही है और सरकार उनके हक़ में सजग है।
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