शामली: उत्तर प्रदेश में सरकार द्वारा स्वास्थ सेवाओं को बेहतर बनाने व दिव्यांगजनों को सर्टिफिकेट उपलब्ध कराए जाने के दावे शामली के जिला अस्पताल में खोखले साबित हो रहे हैं। जहा दिव्यांगजनों के प्रमाणपत्र बनाने के लिए
जिला अस्पताल में शिविर का आयोजन तो किया जाता है।लेकिन चिकित्सकों द्वारा जांच की मशीनें न होने की बात कहते हुए दिव्यांगजनों को मेरठ, नोएडा आदि जगहों पर रेफर किया जा रहा है। दिव्यांगजनों का कहना है, कि वह जिला अस्पताल तक ही बड़ी मुश्किल से पहुंच पाए हैं ओर अब मेरठ या किसी अन्य जगह जाने में पूरी तरह असमर्थ है। दिव्यांगजनों का कहना है
कि जब उन्हें बाहरी जिलों में ही रेफर करना है तो उनके लिए लगाए गए कैम्प का कोई औचित्य नहीं रह जाता। जिसके चलते दिव्यांगजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा भी किया है। आपको बता दे कि पूरा मामला झिंझाना नहर पटरी स्थित जिला सयुक्त चिकित्सालय का है। जहां हर माह के प्रति सोमवार को दिव्यांगजनों के प्रमाणपत्र जारी किए जाने हेतु शिविर का आयोजन किया जाता है।
जहा आज भी दिव्यांगजनों के लिए शिविर का आयोजन किया गया था, लेकिन शिविर में अव्यवस्थाओ का बोलबाला देख एकाएक दिव्यांगजनों का आक्रोश फूट पड़ा और उन्होंने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। दिव्यांगजनों का आरोप है कि शिविर में न तो दिव्यांगजनों के लिए बैठने की कोई व्यवस्था की गई है। जिसके चलते दिव्यांग अप्रैल माह की गर्मी में नीचे जमीन पर बैठकर अपने प्रमाण पत्र का इंतजार कर रहे हैं।
दिव्यांगजनों की यह हालात तब है, जब देश के प्रधानमंत्री हो या मुख्यमंत्री सभी सरकारी विभागों में दिव्यांगजनों को सहसम्मान प्राथमिकता देने की बात कहते हैं। दिव्यांगजनों का कहना है कि शामली के जिले अस्पताल में दिव्यांगजनों का सर्टिफिकेट बनाने के लिए जिला अस्पताल में शिविर लगाकर उनके साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
क्योंकि शिविर में घंटों तक बैठाने के बाद दिव्यांगजनों की जांच के पर्याप्त साधन न होने की बात कहते हैं। चिकित्सक द्वारा उन्हें मेरठ, नोएडा आदि जगहों पर रेफर किया जा रहा है। जबकि दिव्यागजन जिला अस्पताल तक ही बामुश्किल पहुंच पाते है।
दिव्यांगजनों का कहना है, कि दिव्यांग प्रमाणपत्र न होने की वजह से दिव्यांगजनों को सरकार द्वारा उनके लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। रिपोर्टर ,शौकीन सिद्दीकी तल्हा मिर्ज़ा शामली
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