जनपद में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस से अभिभावक परेशान

शामली । उत्तर प्रदेश के वीआईपी जिलों में शामिल शामली के कस्बा कैराना में प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी बढ़ती जा रही है, जिससे अभिभावक गंभीर चिंता और आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। यहां प्राइवेट स्कूलों की तानाशाही ने अभिभावकों को परेशान कर दिया है, क्योंकि इन स्कूलों में मनमाने ढंग से फीस वसूली की जा रही है। 

अभिभावकों ने बताया कि एडमिशन फॉर्म की कीमत 500 रुपये है, जबकि एडमिशन करने के लिए उन्हें 50,000 रुपये तक चुकाने पड़ते हैं। सोमवार को कई अभिभावक श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष ब्रह्मचारी आशुतोष महाराज से मिले और इस संबंध में अपनी चिंताओं को व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कई बार संबंधित अधिकारियों से इस मामले की शिकायत की, लेकिन कोई भी जिम्मेदार इस पर कार्रवाई करने के लिए आगे नहीं आया है। इस कारण से उन्हें अपने बच्चों की शिक्षा में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे अन्य आवश्यक चीजों के लिए भी पैसे नहीं बचते।

अपराधिक रूप से उच्च होती जा रही फीस के अलावा, अभिभावकों ने यह भी कहा कि शिक्षा माफिया अब स्कूलों में काम कर रहे हैं। वे पहले एडमिशन फॉर्म देते हैं, फिर एग्जामिनेशन कराते हैं और अंत में पास होने पर मोटी रिश्वत की मांग करते हैं। प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा को लेकर इन समस्याओं ने अभिभावकों को हताश कर दिया है और वे उम्मीद कर रहे हैं कि संबंधित प्रशासन इस पर ध्यान देगा।

इस संदर्भ में, ब्रह्मचारी आशुतोष महाराज ने कहा कि वे शिक्षा मंत्री से मिलकर इस समस्या का हल निकालने और मनमानी कर रहे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने के प्रयास करेंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मुद्दे पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

अभिभावकों की मांग है कि प्राइवेट स्कूलों की फीस की जांच की जाए, ताकि छात्र-छात्राओं को अच्छे और उचित शैक्षणिक माहौल में पढ़ाई करने का मौका मिल सके। कैराना और शामली के अभिभावक अब इस समस्या को लेकर लामबंद हो चुके हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि कोई ठोस हल जल्द निकलेगा। समझो भारत न्यूज से पत्रकार गुलवेज आलम की रिपोर्ट 
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