एक शाम उस्ताद डॉक्टर सदाकत देवबंदी के नाम

कैराना । कस्बे के मोहल्ला अफगानान निवासी शेर खान सहित के आवास पर मुशायरा का आयोजन किया गया जिसको लेकर दूर दराज से आये शायरों ने अपने कलाम से लोगों को नवाजा ओर वाह वाही लूटी ज्ञात रहे नगर के
बज्म ए तरक्की उर्दू अदब  की जानिब से जश्न ए उस्ताद डॉक्टर सदाकत देवबंदी के उनवान से नगर के मोहल्ला अफगानान में मुकाम ए इब्राहीम लतीफ मंजिल पर एक आल इण्डिया मुशायरे का आयोजन किया गया मुशायरे का शुभारंभ पूर्व कैराना चेयर मैन राशिद अली ने फीता काट कर किया मुशायरे की अध्यक्षता इल्ताफात बका ने की शमा रौशन कैराना के उस्ताद शायर कौसर ज़ैदी कैरानवी ने की मेहमान ए खुसूसी सालिम वफा चारथावली, मुहम्मद अहमद खान मुजफ्फर नगरी और लियाकत अली जौहर दधेड़वी रहे मुशायरे का संचालन अंसार सिद्दीकी ने किया मुशायरे के  कनवीनर शेर खान साहिल एडवोकेट बज्म ए तरक्की उर्दू अदब के अध्यक्ष ने अपने उस्ताद डॉक्टर सदाकत देवबंदी को शाल और ट्राफी पेश की और बज्म के सरपरस्त कौसर ज़ैदी कैरानवी को ट्राफी पेश की
आने वाले शायरों को ट्राफी पेश कर सम्मानित किया गया वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ पत्रकार 
चौधरी सलीम मास्टर महताब शानू को भी बज्मतर्की अंजुमन के पदाधिकारियों व भूतपूर्व चेयरमैन राशिद अली द्वारा सम्मानित किया गया सभी शोहरा ने अपने अपने कलाम पेश किया 
कैराना के मोहतबर उस्ताद शायर कोसर जेदी ने कहा तशनगी आज तलक सब्र की मेराज पर है और दरिया है कि पस्ती से उभरता ही नहीं

डाक्टर सदाकत देवबंदी ने कहां अपना साया भी तो हर वक्त नहीं रहता। साथ एक वो है कि जुदा बंदे से होता ही नहीं
मोहम्मद अहमद मुजफ्फरनगर ने कहा तेरी गुफतार तेरी नस्ल का देती है पता ज़र्फ़ वाले को तकब्बुर कभी पता ही नहीं
बका पुरकाजी नेकहा आप कियू है मेरी रुदाद ए अलम से बरहम नाम तो मेरी जुबां पे कोई आया ही नहीं 
सलीम वफ़ा चरथावल ने कहा लाख सर पर हो छांव घनी दरख्तों की मगर मां के आंचल सा तो साया कोई साया ही नही 
लियाकत अली ने कहा मुझपे वाजिब है आंसू ओ कि जकात गम की दौलत से माला माल हूं में
इजहार अहमद ने कहा इन्तजार आपका  कर कर के थके जाते हैं आपने तो हमें कभी मुडकर देखा ही नहीं 
बिलाल कुरैशी ने कहा गम समेटे हुआ फिरता हूं जमाने भर के शुक्र है फिर भी खुद का के में बहका ही नहीं 
फुरकान खान ने कहा प्यार कि खुशबू महक जाती है मेरे गुलशन में आपने नगमा वफ़ा का कोई छेड़ा ही नही 
मास्टर नसीम आदिल ने कहा आख़री वक्त में मां ने मुझे ऐसा देखा जहन पर नक्शा वो चेहरा के जो मिटता ही नहीं
वरिष्ठ शायर व लोगों के दिलों पर राज करने वाले नाजिम ए मुशायरा अनसार सिद्दीकी ने कहा कितना खुद्दार तसव्वुर है तेरा एक असांर बे जमीरों के इलाको मे ठहरता ही नहीं
अनीस ज़िगर व फेज कुरैशी हाशिम क़माल आरिफ सिंगर मास्टर हारून आदि शायरों ने अपने अहम कलाम पेश किए हैं 
वहीं सलीम चौधरी पत्रकार ने जल्दी ही आल खुर्द में गुजरो के बारात घर पर बड़ा प्रोग्राम कराने का एलान किया है 
इस मौके पर 
उस्ताद शायर कौसर ज़ैदी कैरानवी ने शेरखान साहिल एडवोकेट को अनमोल मोतियों की माला से सम्मानित किया
मुशाइरे का आगाज अंसार सिद्दीकी की नात पाक से हुआ
कैराना के सम्मानित अनम चौधरी ने आकर प्रोग्राम को और खूबसूरत बनाया मुशायरे में साजिद चौधरी भाजपा लोकसभा अध्यक्ष, फुरकान अंसारी आंसू चौधरी वाहिद चौहान हाजी रियाज उर्फ़ राजू, अयूब अंसारी, सलीम अंसारी, रईस मेंबर ,आमिर ख़ान ,डॉक्टर मजहर खान ,हिलाल कुरैशी, हजला कुरैशी, वसीम मीरसाहब वारिस, फिरोज आड़ती डॉक्टर आरिस हाफिज फ़रीद, वकील अंसारी, हसीन सिद्दीकी लियाकत अली खान, अकरम खान,असद खान, अहमद खान , आदि मौजूद रहे। रिपोर्ट गुलवेज आलम

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