मुजफ्फरनगर। हज कमेटी हरियाणा के चेयरमैन मोहिनसिन चौधरी ने एक विशेष कार्यक्रम में नादिर राणा की पुस्तक 'फूलों का गुलदस्ता' को स्वीकार कर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को और भी सशक्त किया। यह कार्यक्रम मुजफ्फरनगर के निकटवर्ती गांव सूजडु में आयोजित किया गया, जहां स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों और मौलानाओं ने शिरकत की।
कार्यक्रम के दौरान, मोहिनसिन चौधरी को इस प्रेरणादायक पुस्तक की भेंट दी गई। नादिर राणा ने इस कृति के माध्यम से एक ऐसा संदेश दिया है, जो न केवल युवाओं को प्रेरित करता है, बल्कि समाज में सद्भावना और एकता को भी बढ़ावा देता है। 'फूलों का गुलदस्ता' को पढ़कर यह स्पष्ट होता है कि लेखक ने इसे अपने अनुभवों और संवेदनाओं के साथ तैयार किया है, जिसमें हर पाठक खुद को कहीं न कहीं पा सकता है।
इस अवसर पर मुहम्मद राशिद सलमानी, मुहम्मद अरशद सलमानी, हाजी इसरार और सहूद त्यागी जैसे गणमान्य लोगों ने मोहिनसिन चौधरी को बुके देकर सम्मानित किया। सभी ने एकजुटता और भाईचारे के संदेश को साझा किया और नादिर राणा की कृतियों की सराहना की।
मोहिनसिन चौधरी ने कहा, "नादिर राणा का योगदान अद्वितीय है। उनकी किताबें न केवल हमारी सोच को जागरूक करती हैं, बल्कि हमारे समाज में मूल्य और संस्कारों को भी स्थापित करती हैं। मुझे गर्व है कि मुझे ऐसी पुस्तक भेंट की गई।"
'फूलों का गुलदस्ता' सिर्फ एक किताब नहीं है, बल्कि यह एक नई सोच और दृष्टिकोण का परिचायक है। नादिर राणा ने इस पुस्तक के माध्यम से समाज की समस्याओं को न केवल उजागर किया है, बल्कि उनके समाधान की दिशा में भी मार्गदर्शन प्रदान किया है।
यह कार्यक्रम केवल साहित्य का पर्व नहीं था, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक सन्देश का वाहक बना। हर किसी ने नादिर राणा की विलक्षण प्रतिभा की प्रशंसा की और आने वाले समय में उनकी कृतियों को पढ़ने की इच्छा जताई। इस तरह, 'फूलों का गुलदस्ता' ने एक बार फिर साबित कर दिया कि शब्दों की शक्ति एक बदलाव ला सकती है। रिपोर्ट गुलवेज आलम
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