पीड़ित की न्याय की गुहार: 2017 से 2025 तक का संघर्ष जारी"

पानीपत, हरियाणा – भारतीय न्याय प्रणाली की खामियों का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए, एक व्यक्ति ने पुलिस और कानूनी प्रक्रिया के खिलाफ अपनी पीड़ा व्यक्त की है। मौ० राशिद, जो मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश के निवासी हैं, ने 2017 में हुई एक मारपीट और मोटरसाइकिल लूट की घटना के संबंध में अब तक उचित कार्रवाई न होने पर निराशा व्यक्त की है।

24 मार्च 2025 को भेजे एक पत्र में, राशिद ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पानीपत को लिखा कि उसे अपनी पत्नी को घर लाने के लिए 23 जुलाई 2017 को पानीपत आना पड़ा। ससुराल में पहुंचते ही, उसके ससुराल पक्ष के कुछ सदस्यों और उनके सहयोगियों ने मिलकर उसे जानलेवा हमला किया और उसकी मोटरसाइकिल लूट ली। 

राशिद के अनुसार, उन्होंने कई बार थाने के चक्कर लगाए फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब, लगभग आठ साल बीत चुके हैं, और राशिद का विश्वास कानून व्यवस्था से उठता जा रहा है। उन्हें यह महसूस हो रहा है कि पीड़ितों के प्रति न्याय प्रणाली की बेरुखी उन्हें न्याय से वंचित कर रही है।

राशिद ने पुलिस प्रशासन से अनुरोध किया कि मामले को लेकर सक्रियता दिखाई जाए, और उसकी लुटी हुई मोटरसाइकिल की बरामदगी की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसा दोबारा न हो सके।

यह मामला इस बात की ओर इशारा करता है कि किस प्रकार न्याय की प्रक्रिया में देरी और लापरवाही पीड़ितों के लिए और भी अधिक दर्दनाक अनुभव बन जाती है। अब देखना यह है कि सुनवाई की इस उम्मीद को पुलिस प्रशासन कैसे पूरा करता है और क्या उचित कार्रवाई होती है।


इस घटना ने यह दिखा दिया है कि समाज में न्याय प्रणाली की स्थितियों को सुधारने की आवश्यकता है। क्या प्रशासन राशिद को न्याय दिलवाने में सफल होगा? समय ही बताएगा।
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