बिडौली /शामली। शिया समुदाय के पहले इमाम हजरत अली की यौमे पैदाइश इमाम बारगाह में उल्लास के सात मनाई गई। महफिल का आगाज कुरआन ए पाक की तिलावत से किया गया। हजरत अली ने हमेशा लोगों को सच्चाई, भलाई, अच्छाई और मानवता के रास्ते पर चलने का पैगाम दिया और उस पर पूरी जिंदगी चले।
मंगलवार की रात बिडौली सादात स्थित इमाम बारगाह में हजरत अली की यौमे पैदाइश पर महफिल का आयोजन किया गया। महफिल की शुरुआत कुराने पाक की तिलावत से मौलाना आबिद हुसैन शाह ने की, जिसकी अध्यक्षता पूर्व प्रधान फजल अली उर्फ अच्छू मिया ने की।आयोजित महफिल में, सय्यद गुलाम अली, शहजाद शाह, रेहान हैदर, अली जोन, सय्यद अली रजा, दानियाल जैदी, सज्जाद ज़ैदी, कादिर अली, नफीस शाह आदि शायरों ने हजरत अली की शान में कलाम और कसीदे पेश किए।
महफिल में लंगर लगाया गया और लोगों को मिष्ठान व उपहार वितरित किए गए, इस मौके पर बच्चों एवं युवाओं में जोश देखने को मिला। मौलाना उवेश रिजवी और वसी हैदर जैदी ने बयान में कहा 13 रजब इस्लामी कैलेंडर का महीना है। जिसमें हज़रत अली का जन्म दिन आम मुस्लिम मनाते हैं। सुन्नी आप को चौथा ख़लीफा और शिया अपना पहला इमाम मानते हैं। आप के अनमोल विचार दुनिया में मशहूर हैं।हजरत आ लअली के जीवन और किरदार पर रोशनी डालते हुए कहा कि आज मुसलमानों के लिए बहुत खुशी का दिन है।
हजरत अली ने हमेशा लोगों को सच्चाई, भलाई, अच्छाई और मानवता के रास्ते पर चलने का पैगाम दिया और उस पर पूरी जिंदगी चले। मौलाना ने सभी लोगों को हजरत अली की जिंदगी और किरदार से प्रेरणा लेकर उनके बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया। महफिल में शुएब अखतर, खुर्रम जैदी, सम्मी शाह, नासिर अली, मोहम्मद अली, अम्मार हुसैन, साबिर शाह, सहजाद शाह, मोहसिन रिज़वी, मोहम्मद कैफ आदि मौजूद रहे।
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