पशु डेयरी के नाम पर प्रति एक चयनित वह वेटिंग में रखे गए पशुपालकों से वसूले गए 20,000 से ₹30,000
भ्रष्टाचार की रकम के बंटवारे को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व डॉक्टर सविंद्र प्रताप सिंह डिप्टी सीवीओ में गाली गलौज हुआ तू तू मैं मैं
आवारा पशुओं के लिए बनाई गई गौशालाएं में भी बड़ा झोल
गौशाला में पशु चिकित्सा अधिकारी व डिप्टी की शॉर्टकट के चलते पशुओं को नहीं मिल पा रहा है भरपेट भोजन और ना ही उचित चिकित्सा सुविधा केवल सब दिखावा फाइलों तक ही सीमित
पशु व्यापारियों से भी तर्कों में ले गए पशुओं जो कि नियम अनुसार घास अपनी सुविधा एवं उचित स्पेस में ले जाने चाहिए नियम तोड़ने को लेकर कर रहे हैं अवैध हुआ ही
अपने पालतू डॉगी का इलाज कराने आई जिला पशु चिकित्सालय में महिला के साथ डिप्टी सोमेंद्र प्रताप सिंह द्वारा भद्रता एवं छेड़छाड़
केवल दर्शन मात्र बने रहे विभाग में अन्य कार्यरत कर्मचारी
बाद में डॉक्टर हुए कर्मचारियों के द्वारा माफी मांगे जाने पर मामला हुआ शांत
जब उक्त घटना के विषय में हमारे संवाददाता ने डाक्टर व अन्य कर्मचारियों से बातचीत की तो सभी ने साध ली चुप्पी और चुप्पी को ही बनाया अपना हथियार
डिप्टी डॉक्टर सोमेंद्र प्रताप देते हैं उसे अधिकारी एवं कर्मचारियों को मुख्यमंत्री की सा जाति व करीबी होने की धौंस इसी के चलते पशुओं का इलाज कराने आए पशु पालकों से भी करते हैं बदतमीजी
किसने की फसल को जहां नष्ट करते हैं हमारा पशु में यात्रियों के लिए भी कल बने आवारा पशु लेकिन गौशाला संचालक को वह पशुपालन विभाग शामली के लिए वरदान साबित हो रहे हैं आवारा पशु
कहीं इनका ट्रीटमेंट के नाम पर कहीं के घास के नाम पर और इतना रात को गौशाला के गेट खोलकर फिर निकाल देते हैं आवारा पशुओं को
केवल किसान और यात्रियों के लिए ही मुसीबत नहीं है आवारा पशु घास के एक-एक उनके को तरसते आवारा पशु भूखे आवारा पशु आयोजन गौशाला में करने की बढ़ रही है संख्या लेकिन सभी जांच अधिकारी पशुपालन विभाग एवं संचालक ने बांध रखी है आंखों पर पट्टी और आने वाले बजट की कर रहे हैं बंदर बांट
आपको जानकर हैरानी होगी कि मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर चंद्रभानु कश्यप के संरक्षण में पशुपालन विभाग में वन अपराध भ्रष्टाचार जो के आए दिन बढ़ता जा रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण है पशु डेयरी के नाम पर क्यों पशुपालकों को लोन बनते जा रहे हैं उसमें चयनित पशुपालक एवं प्रतीक्षा सूची में रखे गए पशुपालकों से 20000 से 30000 की अवैध वसूली की गई है अवैध वसूली की पुष्टि उस वक्त हुई जब मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ चंद्रभानु कश्यप में डिप्टी डॉक्टर सोमेंद्र प्रताप सिंह में गाली गलौज में तू तो मैं में हो गई और जो कि उक्त विषय आज भी विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है उक्त भ्रष्टाचार की पोल खुलने से सभी अधिकारी एवं कर्मचारी चुप हैं इतना नहीं आवारा पशुओं के लिए जो जनपद में गौशालाएं बनाई गई है उनमें भी जिला पशु चिकित्सा अधिकारी एवं डिप्टी किस गांठ के चलते पशुओं को भरपेट भोजन तक नहीं मिल रहा है और नहीं मिल पा रही उचित चिकित्सा सुविधा सभी केवल फाइलों ताकि सीमित फाइलों में दिखाकर बजट की कर ली जाती है बंदर बांट अंधेर नगरी चौपट राजा नहीं है कोई बोलने वाला आखिर विभाग में चल रहा है क्या इतना नहीं पशुओं पर आए दिन बढ़ रहे हैं कुर्ता के केस पशु व्यापारियों द्वारा ट्रैकों से लड़कर जो पशु ले जाते हैं वह निश्चित संख्या से कई गुना अधिक होते हैं जिससे कई बर्टन पर सो पिकअप मोटर को में ही मर जाते हैं जबकि नियम अनुसार किसी भी ट्रांसपोर्ट के माध्यम से पशु को लाने ले जाने के लिए उसके लिए उक्त वाहन में घास व पानी की उचित व्यवस्था एवं उचित स्पेस मिलना चाहिए लेकिन ऐसा ना होना और जांच के नाम पर केवल अधिकारियों द्वारा अवैध हुआ ही बन गई है उनका धंधा
अपने डॉगी का इलाज कराने जिला पशु चिकित्सालय पहुंची एक महिला ने डिप्टी सोमेंद्र प्रताप सिंह पर यह कहते हो गाली करो शिवम थप्पड़ों की बौछार कर दी कि इसने डॉगी के इलाज के नाम पर मेरे साथ बदतमीजी और छेड़छाड़ की है और यह सब वहां मौजूद विभागीय कर्मचारी भी देख रहे थे और सभी मंत्र दर्शक बने रहे लेकिन बाद में डॉक्टर के साथ मारपीट होने के बाद अधिकारियों कर्मचारियों ने माफी मांग कर मामले को शांत किया जब घटना के बारे में हमारे संवाददाता ने जानकारी चाहिए तो अधिकारी एवं कर्मचारियों ने चुप्पी सदली और चुप्पी कोई बना लिया अपना हथियार लेकिन यह कोई बात नहीं नहीं है ऐसी घटनाएं उक्त डाक्टर द्वारा रोग की जाती है क्योंकि कहीं ना कहीं इसको एक सक है बदतमीजी करने की क्योंकि यह उच्च अधिकारियों को उच्च अधिकारी नहीं मानते और दबते हैं तो उसे अधिकारी भी क्योंकि यह श्रवण जाति के हैं और पिछड़ी जाति से है उच्च अधिकारी जिसको यह कुछ नहीं मानते और इतना ही नहीं अपने आप को प्रदेश के मुख्यमंत्री की जाति का होने के नाते करीबी बात कर करते हैं रोब ग़ालिब अब सबसे बड़ा सवाल यही है जो व्यक्ति अधिकारी को अधिकारी ना मानता हूं हर वक्त भ्रष्टाचार में लिफ्ट रहता हो वह किस तरह पशुपालकों से कर सकता है उचित व्यवहार लेकिन आज तक उक्त डिप्टी के खिलाफ नहीं हो पाई कोई कार्रवाई क्योंकि दबता है सर विभाग जहां प्रदेश सरकार में केवल पशुपालन विभाग में नई हर विभाग में लग चुके हैं मुख्यमंत्री के जाति के अधिकारियों की दबंगता के आप अब उन्हें आरोपों से अछूता नहीं रहा है पशुपालन विभाग भी इतना ही नहीं किसने की फसलों को भी जहां नष्ट करने में लगे हैं आवारा पशुओं यात्राओं के लिए भी कॉल बने आवारा पशु लेकिन गौशाला संचालक व पशुपालन विभाग शामली के लिए वरदान साबित हो रहे हैं आवारा पशु क्योंकि कभी ट्रीटमेंट के नाम पर कभी घास के नाम पर तो कभी रात को गौशाला के गेट खोलकर इनको बाहर निकाल कर फिर पुणे को पड़कर इनके टक न लगाकर संख्या कभी कम कभी अधिक दिखाकर बजट की हो रही है बंदरबन लेकिन हर कोई चुप बजट की बंदर के बांट के बावजूद भी कौशलों में भूखे मर रहे हैं गोवंश जिसका उदाहरण है किसी भी वक्त गौशाला का निरीक्षण कर जांच किए जा सकती है कि किस स्तर तक भूखे मर रहे हैं गौशाला में रहने वाले पशु और किस तरह चांदी काट रहा है पशुपालन विभाग एवं गौशाला संचालक यूट्यूब खानापूर्ति के नाम पर आए दिन जांच होती रहती है लेकिन नतीजा जांच में वही निकलता है डाक के तीन पास चौथा लगाना पांचबे की आस अब देखना होगा कि ऐसे डॉक्टर की और धार्मिक कब तक चलती रहेगी कब तक चलता रहेगा वह भाग में भ्रष्टाचार कब तक भूखे पेट गौशाला में पड़ी रहेगी गोवंश और कब तक किसानों की फैसले होते रहेंगे बर्बाद कब तक रोड पर एक्सीडेंट का कारण बनेंगे आवारा छुटिवा पशु और कब तक अपनी जेब भरने में लगे रहेंगे विभाग या अधिकारी आखिर कब होगी इनकी जांच यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन इतना तय की आज के समय में पशुपालकों से बदतमीजी एवं अपने डॉगी का इलाज कराने आई महिला के साथ बदतमीज करने वाले डॉक्टर की हट धर्मिता चरम पर है।
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