मांगल्या प्रेक्षागृह परिसर में प्रातः 10 बजे मुख्य अतिथि मेजर जनरल बी.डी.वाधवा से.नि., कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल ने संयुक्त रूप से आजाद हिन्द का ध्वजारोहण किया। इस दौरान सामूहिक आजाद हिन्द गान हुआ एवं 20 सिख रेजीमेंट, विश्वविद्यालय की एनसीसी बटालियन, एनएसएस, सुभारती डिफेन्स एकेडमी, तथा विश्वविद्यालय में कार्यरत पूर्व सैन्य अधिकारियों ने परेड निकाल कर आज़ाद हिन्द के ध्वज को सलामी दी।
मांगल्या प्रेक्षागृह में कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि मेजर जनरल बी.डी.वाधवा से.नि., विशिष्ट अतिथि विभाजन विभीषिका से पीड़ित पी.एल.मेहता, विशिष्ट अतिथि हेमवती नन्दन बहुगुणा उत्तराखण्ड मेडिकल एजूकेशन यूनिवर्सिटी के कुलपति डाॅ.एम.एल.भट्ट, सुभारती समूह के संस्थापक डाॅ.अतुल कृष्ण, कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी.के.थपलियाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डाॅ.शल्या राज, कार्यक्रम प्रभारी डॉ. संदीप कुमार, कर्नल राजेश त्यागी ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। फाइन आर्ट के विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी.के. थपलियाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सभी को अखण्ड भारत के स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ सेवा एवं संस्कारों व नैतिक मूल्यों को रोपित करके राष्ट्र चरित्र निर्माण कर रहा है। इसके साथ ही नेताजी सुभाष चन्द्र बोस एवं देश के क्रांतिकारियों के बलिदान से प्रेरित कर भारत को अखंड बनाने हेतु प्रेरणा दी जा रही है।
सुभारती समूह के संस्थापक डाॅ. अतुल कृष्ण ने अखण्ड भारत के स्वतन्त्रता दिवस पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने जय हिन्द के उद्घोष से सम्बोधित करते हुए 21 अक्टूबर के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन वर्ष 1943 में सिंगापुर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अखण्ड संपूर्ण भारतवर्ष को आजाद घोषित किया। उन्होंने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों से सभी को रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि आज़ादी भीख मांगने से नही बल्कि आज़ादी छीनकर प्राप्त की जाती है और नेताजी ने हमेशा संघर्ष के मार्ग को चुनकर देश की सेवा की है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को संकल्प एवं प्रार्थना दिवस के रूप में घोषित किया जाना चाहिए ताकि उस दिन विखण्डित हुए भारत को पुनः जोड़ने का संकल्प लिया जाए एवं विभाजन के समय मारे गए लाखों देशवासियों की आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की जाए। उन्होंने कहा कि यदि देश की कल्पना एक भवन से करें तो इस जर्जर भवन को पुननिर्मित करना होगा। आज हमारे साथ दो आर्किटेक्ट एवं एक काॅन्ट्रेक्टर विद्यमान है, जो इस भवन को ठीक प्रकार नियोजित करने का सश्रम प्रयास कर रहे है। उन्होंने कहा कि जर्जर हुए भवन को ठीक करने हेतु इसकी नीव बुल्डोजर से उखाडकर पुन नई सुदृढ़ नीव रखते हुए निर्माण की आवश्यकता है। या तो दिल्ली वाले एक नया बुल्डोजर उचित दिशा में क्रियान्वित करें। अन्यथा लखनऊ वाला बुल्डोजर दिल्ली भेजना होगा। उन्होंने मुख्य रूप से भारत को अखण्ड राष्ट्र बनाने हेतु संयुक्त राष्ट्र आॅफ साऊथ एशिया के निर्माण का सूत्र दिया जिसमें प्रेम, करूणा, मैत्री, समानता, सद्भावना, समन्वय एवं राष्ट्रीयता के भाव से भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका आदि सब एक होकर विश्व में ऊर्जावान शक्ति के रूप में उभरेंगे। इसके साथ ही उन्होंने सनातन राष्ट्र की स्थापना को भी समय की आवश्यकता बताया।
मुख्य अतिथि मेजर जनरल बी.डी.वाधवा से.नि. ने कहा कि आज का दिन इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय ने नेताजी के सपनों को साकार करने का काम किया है, वह पूरे देश के लिये प्रेरणादायी है। उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय के मूल मंत्र शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि संस्कार एवं राष्ट्रवाद से ही देश का उत्थान होगा। उन्होंने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस एवं अन्य बलिदानों द्वारा भारत को आज़ादी दिलाने हेतु किये गए संघर्ष की के बारे में सभी को रूबरू किया।
विशिष्ट अतिथि विभाजन विभीषिका से पीड़ित श्री पी.एल.मेहता ने देश के बटवारे की दास्तां सुनाकर सभी को भावुक कर दिया। उन्होंने कहा कि देश के बंटवारे में लाखों लोगों की जान गई। उनके परिवार के सदस्यों की इस त्रासदी में जानें गई। पाकिस्तान से भारत आने के दौरान हुई मार काट में किसी तरह उनकी जान बच गई। उन्होंने कहा कि हमारे देश को बलिदानों के रक्त ने सींचा है। विद्यार्थियों का कर्तव्य है, कि वह अपने क्रान्तिकारियों से प्रेरणा लेकर देश को सशक्त बनाने का कार्य करें।
विशिष्ट अतिथि हेमवती नन्दन बहुगुणा उत्तराखंड मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी के कुलपति डाॅ.एम.एल.भट्ट ने 21 अक्टूबर को अखण्ड भारत के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के भव्य आयोजन पर गर्व प्रकट करते हुए बधाई दी।
समारोह में ईश्वर चन्द्र विद्यासागर स्कूल के नन्हे मुन्ने बच्चों ने देशभक्ति से परिपूर्ण प्रस्तुतियां देकर सभी को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इसके साथ ही फाइन आर्ट व योगा कॉलेज के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम में स्पंदन खेल व सांस्कृतिक प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस पीठ द्वारा इस अवसर पर नेता जी से संबंधित फ़ोटो प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।
धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम प्रभारी डॉ. संदीप कुमार ने दिया।
शाम 5ः30 बजे बीटिंग दी रिट्रीट कार्यक्रम द्वारा ध्वज को सुरक्षित किया गया। वंदे मातरम गायन के साथ समारोह का समापन हुआ।
मंच का संचालन मनदीप, आस्था,समन, रुद्रांशी, आँचल व अदीना, अनुष्का ने किया।
इनकी रही विशेष उपस्थिति वरिष्ठ समाजसेवी शिब्बनलाल स्नेही, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस शोधपीठ के चेयरमैन डा. देशराज सिंह, भाजपा सहयोग एवं कार्यकर्ता सहायता प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष अमनदीप सिंह, महानगर मंत्री भाजपा ज्ञानेन्द्र सिंह, अशोक टकसालिया, हिमांशु सिद्धांत, डाॅ.किरण सिंह, डोरी लाल भास्कर सहित स्वतंत्रता दिवस आयोजन समिति एवं सुभारती परिवार के सभी सदस्य उपस्थित रहे।
(मनीष सिंह संवादाता)
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