पत्रकार सुरक्षा कानून की जरूरत लंबे समय से महसूस हो रही है, लेकिन पत्रकार संगठनों की एकजुटता के अभाव के कारण यह आज तक यह लागू नहीं हो पाया है। पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर कानून बनाए जाने का मुद्दा गुरुवार को विधान परिषद सभा में आशुतोष सिन्हा ने जोर शोर से उठाया है । उसके लिए केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के सभी पत्रकारों और पत्रकार संगठनों को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा । एक साथ आवाज उठानी होगी । आशुतोष सिन्हा द्वारा उठाया गया मुद्दा एकदम उचित और सोच समझकर दिया गया प्रस्ताव है। नए पत्रकारों को 10,000 रुपये प्रति महीने और 20 वर्ष तक कार्य कर चुके सभी पत्रकारों को कम से कम 25,000 रुपये गुजारा भत्ता दिया जाना चाहिये । साथ ही साथ उन्हें 20 लाख रुपये तक के कैशलेस उपचार की सुविधा भी दी जानी चाहिए ।सभी पत्रकार हमेशा जीवन जोखिम में डालकर ख़बरों के संकलन का कार्य करते हैं । ऐसे में उनका एक करोड़ रुपये का जीवन बीमा भी कराया जाना चाहिए ।आवास विकास प्राधिकरण के माध्यम से बिना लाभ हानि के भवन भी उपलब्ध कराए जाने चाहिए। अतः समय की पुकार को समझते हुए सभी पत्रकारों और पत्रकार संगठनों को एकजुट होकर इस कानून को लागू करने हेतु आवाज़ उठाना अवश्यक है। अजीत कुमार श्रीवास्तव
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