पूरे भारत में ओजोन मित्रा और हिंदुस्तान एनर्जी कंपनी के लाखों उपभोक्ता है। उपभोक्ताओ से अलग बात करें तो 300 से अधिक एसीपी और डीसीपी भारत में मौजूद है जिन्होंने लाखों उपभोक्ता कम्पनी को दिए, यह कंपनी अपने एसीपी और डीसीपी को अत्यधिक विश्वास में लेकर ही अनुमानित लगभग 700 करोड़ रुपए खा गई और डकार तक नही ली अब पीड़ित सर्दी के मौसम में अपने घर में रूम हीटर लगा कर, रजाई , कंबल ओढ़कर अपने मोबाइल से कम्पनी के विरुद्ध रात 9 बजे से नींद आने तक अपने अपने अस्त्र शस्त्र रूपी बाण छोड़कर मोबाइल से ही जंग लड़कर हार जीत का खेल, खेलकर खुश हो रहे है और दिन निकलते ही सभी अपने अपने काम धंधों पर निकल जाते है। इस कंपनी के एक लाख उपभोक्ताओं में से यदि मात्र 10% उपभोक्ता भी खुलकर मैदान में आ जाए तो अच्छे- अच्छों की पतलून ढीली कर देगें, लेकिन यहां क्या हो रहा है पूरा खेल समझिए जब तक कंपनी चल रही थी यानी कस्टमर को कैश बेक मिलता रहा, तब तक तो उपभोक्ताओं को एसीपी और डीसीपी भी अच्छे लगते रहे और कंपनी के एमडी को तो लोग बिल्कुल भगवान ही मान बैठे थे। लेकिन जैसे ही लोगों को जानकारी मिली की कंपनी रातोरात अपना सब कुछ समेट कर मिस्टर इंडिया के अनिल कपूर की तरह गायब हो गई तो उपभोक्ता कुछ दिनो तक तो शांत रहे। लेकिन जब उपभोक्ताओं को पूर्ण विश्वास हो गया कि कंपनी सचमुच भाग गईं और उनके घर पर कम्पनी द्वारा जानबूझकर मनगढ़त नोटिस भेजकर सूचित करना शुरू किया यह ही वो समय था जब एसीपी, डीसीपी और उपभोक्ता सब मिलजुलकर कंपनी के विरुद्ध लामबंद होने शुरू हो गए थे और दिल्ली में किसी बड़े आंदोलन करने के मूड में थे पूरे देश की मीडिया को इक्कठा करके अपनी अपनी शिकायत दर्ज कराने का मन सब बना चुके थे।लेकिन तू डाल डाल में पात पात का खेल कंपनी का जारी था। जारी हो भी क्यों ना इतनी बड़ी कंपनी जो भारत को प्रदूषण मुक्त करा कर अपने आपको पर्यावरण प्रेमी बनाएं हुए थी। इसी कम्पनी की अपने स्टॉफ को सख्त हिदायत थी कि कम्पनी के किसी भी उपभोक्ता छोटे से छोटे और बड़े से बड़े से एक ही सुर में बात करनी है। किसी के भी टच में नही रहना है जिससे भी नजदीकी बढ़ानी है कम्पनी के डायरेक्टर बात करेंगे यही कारण है कि आज कंपनी के पास मुखबरी करने के लिए सैकड़ों उपभोक्ता मौजूद है। जबकि कंपनी की मुखबरी करने वाला एक लाख उपभोक्ताओ के पास एक भी कंपनी का मुखबिर नही है। भारत में फूट डालो राज करो की पॉलिसी पर अंग्रेज हमें गुलाम बनाकर हम पर वर्षो तक राज कर गए, बिल्कुल अंग्रेजो वाली पॉलिसी कम्पनी ने भी अपने द्वारा ठगे गए उपभोक्ताओ के साथ भी खेली और वो अपनी पॉलिसी में कामयाब भी हो गई , यही कारण है कि एक भी उपभोक्ता कंपनी के विरुद्ध खड़ा नहीं हो पाया, एक कहावत है कि बिना संघर्ष किसी को कुछ नही मिलता, संघर्ष होता बात मीडिया के कानों तक पहुंचती, मीडिया में इतना बड़ा स्कैंडल आता तो नेताओं के कानों तक बात पहुंचती मामला, विधानसभा और सांसद तक पहुंचता, जांच एजेंसियां सक्रिय होती, हो सकता है कुछ कम्पनी के डायरेक्टर सलाखों के पीछे भी पहुंच जाते, लेकिन कंपनी के उपभोक्ता दिनभर के काम निपटा कर रात 9 बजे सभी ओजोन मित्रा पीड़ित ग्रुप्स में अपनी दिन भर की भड़ास निकाल कर दिन निकलते ही अपने अपने कामों में लग जाते है। ऐसे ही रहा तो वो दिन दूर नही जब कम्पनी के सभी डायरेक्टर अपना पीछा छुड़ाकर सभी उपभोक्ताओ को एसीपी और डीसीपी के पीछे लगा देंगे, कुछ हद तक कम्पनी अपने इस मिशन में कामयाब भी होती नजर आ रही है। अब उन लोगों को समझो भारत की नसीयत है कम्पनी के विरुद्ध यदि आप लामबंद नही हो सकते तो अपने एरिया के एसीपी और डीसीपी को संपर्क में लेकर उनका सहयोग करिए, कुछ समय निकाले और कानूनी कार्यवाही में जहां उनको आपकी सहायता की अवश्यकता हो उनकी मदद करिए, सुख में साथ दिया अब दुःख में भी साथ दीजिए आप ही उनकी शक्ति है। आपको साथ लेकर ही वो आपकी और अपनी लड़ाई लड़ सकते है। हर जिले में कंपनी पीड़ित व्यापारी और उपभोक्ता प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाइए, हर जिलों से मीडिया और शासन प्रशासन अलर्ट होगा तो प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार हरकत में आएगी, अन्यथा खुद ही लड़ भिड़ कर शान्ति से घर बैठ जाओगे किसी को कुछ नही मिलने वाला , समझो भारत का काम आपको जगाना और सतर्क करना है और कर भी रहा है। आप भी यदि अपना कोई संदेश समझो भारत न्यूज पोर्टल पर पब्लिश कराना चाहते है या कोई वीडियो यूट्यूव पर प्रसारित कराना चाहते है तो नीचे लिखें नंबर पर कॉल या व्हाट्सएप मैसेज भेजें
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