इस शख्स को बिरादरी ही क्या इलाके की छत्तीस बिरादरी भी नही भूल पाएगी, इक़बाल लुहार भी इस फानी दुनियां को छोड़ गए

बिल्कुल अनपढ़ और दिमाग़ पढ़े लिखो से भी ज्यादा , आज की टेक्नोलॉजी को 30 साल पहले ईजाद करके इस्तेमाल करना और उसका फ़ायदा दूसरो को भी पहुंचना, बेहद गरीबी और सुख सुविधाओं का टोटा होते हुए भी हमेशा चेहरे पर मुस्कान, और हर बार कुछ नया करके लोगों को सोचने पर मजबूर कर देने वाले कारनामे कर दिखाना, अपने लोहार के पुश्तैनी काम के साथ साथ अपने खुद के चुटकुले बनाकर लोगों को हंसाना, मो0 रफी और मुकेश की हूबहू आवाज में गाने गाना क्या हुनर नही था इकबाल लोहार के पास, सन 1980 - 90 के दशक में जिस इंसान ने कभी कार के अंदर बैठकर ना देखा हो मानव रहित हेलीकॉप्टर, हवाई जहाज बनाकर हवा में उडाना, जिस जमाने में आवाज रिकॉर्ड भी की जा सकती है क्या ?.. किसी ने सोचा भी ना हो अपने खुद के सॉफ्टवेयर ईजाद करके अपनी आवाज में चुटकुले, और गानों की रिकॉर्डिंग करके स्कूल, कॉलेज सहित अनेकों राजनेतिक मंच पर अपने हुनर का जलवा बिखेर कर सुर्खियां बटोरना, ऐसे कारनामे करना जिनको देखकर लोगो की आंखे फटी की फटी रह जाए । लेकिन पूरे कस्बे में छत्तीस बिरादरी में कोई इतना कह दे कि जिंदगी में इकबाल लुहार ने किसी से एक पैसे का भी सवाल किया हो , अनपढ़ होने के बावजूद हर स्कूल, कॉलेज में वार्षिक अधिवेशन हो या स्वतंत्रता दिवस या हो गणतंत्र दिवस इन सभी कार्यक्रमों में इकबाल लुहार को ना बुलाया जाता हो , इकबाल लुहार भी सभी संस्थानों का पूरा ख्याल रखते और पैदल ही इन सभी संस्थानों में पहुंचकर अपनी कला का प्रदर्शन करके हमेशा सुर्खियों में रहते, पूर्व सांसद और राज्यसभा सांसद अमीर आलम के हर चुनाव में मंच पर खुद सांसद इकबाल लुहार को बुलाते और उनके द्वारा खुद बनाए गए चुटकुलों पर खिलखिलाते यही इकबाल लुहार लगभग 65 साल की उम्र में आज बा तारीख़ 19 दिसंबर 2023 बरोज मंगल को इस फानी दुनियां को हमेशा हमेशा के लिए अलविदा कह गए यह अपने पीछे अपनी बीवी सहित भाई, बहनों और बेटे बेटियों सहित नाते, नातिन और खानदान, रिश्तेदारों को रोता बिलखता छोड़कर हमेशा हमेशा के लिए चले गए । इनको कल दिनांक 20 दिसंबर 2023 दिन बुध को किया जाएगा सुपुर्दे खाक, अल्लाह मरहूम की मगफिरत फरमाएं और जन्नत उल फिरदोश में आला मकाम अता फरमाए आमीन, सुम्मा आमीन
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