लखनऊ : यह सही है की पिता एक ऐसा लफ़्ज़ है जो हर किसी की जिंदगी में एहमियत रखता है। फादर्स डे रिवायती तौर पर हर साल मनाया जाता है। लेकिन इंजिनियर हया फातिमा का मानना है कि पिता जैसी अजीम नेमत के नाम से एक दिन जशन मनाने से उनकी मोहब्बत, शफकत और सरपरस्ती का हक बिल्कुल अदा नहीं हो सकता। सल्तनत मंजिल, हामिद रोड, निकट सिटी स्टेशन, लखनऊ की इंजिनियर हया फातिमा बिटिया नवाबजादा सैय्यद मासूम रज़ा, एडवोकेट का कहना है की उनके लिए हर दिन फादर्स डे है। उन्होंने आगे कहा कि एक दिन फादर के नाम से सेलिब्रेट करने से उनसे जो हमारा प्यार, लगाव और इज्जत है वो कभी अदा नहीं हो स्कता। यह तो सिर्फ उस प्यार को इज़हार करने का दिन है जो हम उन्हें करतें हैं। इंजिनियर हया फातिमा बताती हैं की उनके फादर नवाबजादा सैय्यद मासूम रज़ा, एडवोकेट कभी सख्त व कभी अच्छे दोस्त की शक्ल में हमेशा उनके साथ दरख़्त के साए की तरह रहते हैं। वो आगे बताती हैं की उनकी यह कोशिश रहती है की ऐसा काम करें जिस से उनके फादर को गर्व महसूस हो। मोबाइल: 9450657131
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