लखनऊ : शाही खानदान एवम नवाबी घराने से ताल्लुक रखने वाली खान बहादुर नवाब सैयद हामिद हुसैन खान, ओ बी ई, एम बी ई, लाइफ मजिस्ट्रेट और ब्रिटिश दौर में लखनऊ म्युनिसिपैलिटी के चेयरमैन की परपोती बेगम नसीमा रज़ा निकट सिटी स्टेशन, सल्तनत मंजिल, लखनऊ की रहने वाली अपनी मां बेगम गुलज़ार हसन एवम अपने पति नवाबजादा सय्यद मासूम रज़ा, एडवोकेट के साथ मिलकर स्कूल चलाती हैं। वो अपने पति सैयद मासूम रज़ा को अपना आदर्श मानती हैं और अपने जिंदगी में मिली कामयाबी का सेहरा उन्ही को देती हैं। बेगम नसीमा रज़ा बताती हैं कि बच्चों को सही परवरिश और जिंदगी में हमेशा आगे बढ़ते रहना उन्ही से सीखा है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का जशन मनाए जाने से उन्हें कोई एतराज़ नहीं है। बेगम नसीमा रज़ा आगे बताती हैं कि आज के दौर में कोई ऐसा गौशा नहीं है जहां औरतें काम न कर रही हों। मौजूदा दौर में औरतें मर्दों के साथ कंधा में कंधा मिला कर काम कर रही हैं और तरक्की की मंजिलें ते कर रही हैं। जमीन से लेकर स्पेस तक महिलाओं ने अपने कामयाबी के झंडे लहरा दिए हैं। बेगम नसीमा रज़ा बताती हैं कि महिला दिवस के अवसर पर बेहतर तो यह होता की जिन पर जुल्मों सितम हो रहा है, जिनको दो वक्त की रोटी बड़ी मुश्किल से नसीब हो रही है और गांव में रहने वाली लड़कियां जो शिक्षा से महरूम हैं उनके लिए सिर्फ सरकार ही नही हम सभी लोगों को कुछ न कुछ करना चाहिए। हिंदुस्तान और हिंदुस्तान के बाहर अपना नाम रोशन करने वाली औरतों को याद कर उनके अच्छे कामों को अपनाना चाहिए तभी हमें अपने मकसद में कामयाबी हासिल होगी। आज सबसे अहम मसला यह है की औरतों को जीने के बेहतर जिंदगी मुअस्सर हों, इज्जत वा शोहरत और वो मुकाम हासिल हो जो उसका हक है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बेगम नसीमा रज़ा की यही ख्वाहिश है। मोबाइल नंबर : 9450657131
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