लखनऊ : अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय मूल की अंतरिक्ष महिला कल्पना चावला को आज उनकी जयंती पर याद कर खिराजे अकीदत पेश किया गया। कल्पना चावला नवंबर 1997 में अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। भारतीय मूल की इस महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का नाम आज भी एक जांबाज़ और बहादुर महिला के रूप में जाना जाता है। यह नासा में अंतरिक्ष यात्री के तौर पर शामिल हुई थीं। 1 फरवरी 2003 में अपने छह साथियों के साथ 16 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद धरती पर लौट रही थीं तभी यान दुर्घटनग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में कल्पना चावला सहित 6 अन्य सभी यात्रियों की मौत हो गई थी।
सल्तनत मंज़िल, हामिद रोड, निकट सिटी स्टेशन, लखनऊ की रहने वाली इंजिनियर हया फातिमा बिटिया नवाब सैयद मासूम रज़ा, एडवोकेट ने कहा कि कल्पना चावला अंतरिक्ष में उड़ने वाली पहली भारतीय मूल की अंतरिक्ष महिला थीं जिन्हें पहली उड़ान के लिए चुना गया था उनकी मौत से जो नुकसान पहुंचा उसकी भरपाई ना मुमकिन है। भारत देश की बेटी आज भी सभी के दिलों में ज़िंदा है। इंजिनियर हया फातिमा ने आगे कहा कि इस देश कि बेटी की तस्वीरें देखकर हम सभी को हर पल गर्व महसूस होता है। आज कि बेटियों को आगे बढ़ने के लिए उनमें आत्मविश्वास बेहद ज़रूरी है। इंजिनियर हया फातिमा के पास कल्पना चावला पर भारतीए डाक विभाग द्वारा पटना से जारी स्पेशल कवर "पेटपैक्स 2003" कवर मौजूद है जो उनके कलेक्शन की सोभा बढ़ा रहा है । मोबाइल: 9450657131
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