भारत रतन से सम्मानित, स्वतंत्रता सेनानी और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ ज़ाकिर हुसैन की यौमे पैदाइश पर उन्हें याद कर खिराज ए अकीदत पेश किया गया : नवाबजादा सैय्यद मासूम रज़ा, एडवोकेट
लखनऊ : भारत रतन से सम्मानित, स्वतंत्रता सेनानी और भारत के पूर्व तीसरे राष्ट्रपति डॉ ज़ाकिर हुसैन की यौमे पैदाइश पर उन्हें याद कर खिराज ए अकीदत पेश किया गया। रॉयल फैमिली के नवाबजादा सैय्यद मासूम रज़ा, एडवोकेट ने सल्तनत मंजिल, हामिद रोड, निकट सिटी स्टेशन लखनऊ में हुई एक एहम मीटिंग में कहा की डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन ने अपना सारा जीवन शिक्षा को समर्पित किया। यह भारत के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति थें।
डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन का जन्म आज ही के दिन फरवरी 1897 को हुए था। अपने आपको शिक्षक कहलाने में उन्हें फक़्र्र महसूस होता था। इन्होंने शिक्षा सुधार मंं अपनी सक्रिय भूमिका निभाई थी और देश के युवा पीढ़ी के सुनहरे भविष्य की नीव रख्खी थी। यह बहुत ही सिम्पल स्वभाव के इन्सान थें। 3 मई 1969 को इन्होंने इस दुनिया को हमेशा हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। इनके सम्मान में डाक टिकट और कवर जारी हुआ था। इंजिनियर हया फातिमा बिटिया नवाबजादा सैय्यद मासूम रजा के कलेक्शन में इनपर जारी यह नायाब डाक टिकट और कवर मौजूद है।
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