शिक्षक स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाशित करता है


शिक्षक को राष्ट्र निर्माता कहा गया है। शिक्षक स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाशित करता है । विवेकानंद जी कहते थे कि शिक्षक ऐसे सूर्य के समान है जो न कभी थकता है, न कभी रुकता है अनवरत अज्ञान रूपी तम को हरता है। दीप हूँ कर्तव्य मेरा रात भर जलता रहूँ ,

कालिमा के गाल पर लालिमा मलता रहूँ । गुरु रवि के समान है और शिष्य चन्द्रमा के। चन्द्रमा का अपना कोई प्रकाश नहीं होता वह सूर्य के प्रकाश से ही प्रकाशित होता है, उक्त विचार ओशो दीप पब्लिक स्कूल के हाल में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह के अवसर पर व्यक्त किए ।


इस अवसर पर ओशो दीप पब्लिक स्कूल के चेयरमैन एस.पी. सिंह ने शिक्षक सम्मान के अवसर पर निवर्तमान चेयरमैन अरविंद संगल का धन्यवाद करते हुए कहा कि शामली शहर के 76 विद्यालय के 1842 शिक्षकों को सम्मानित करना वास्तव में एक बहुत ही बड़ा में


महत्वपूर्ण कार्य , गुरुजनों के ज्ञान, प्रेरणा और प्रयत्नों से व्यक्ति अपने जीवन को संघर्षों से लड़ने योग्य बनाता है । राष्ट्र निर्माण में समर्पित ऐसे सभी शिक्षकों का हम अभिनंदन करते हैं, स्वागत करते हैं ।

ओशो दीप पब्लिक स्कूल में आज करूणा सिंह, विपुल निर्वाल, साक्षी शर्मा, शिवम गिरि, सृष्टि सेठी, प्रियंका अरोरा, रूबी पंवार, सीमा राणा, स्वाति बंसल, शैली खैवाल, अर्चना, संगीता निर्वाल, सुमन, कोविन्द्र, मोनिका तंवर, पारूल शर्मा, आंचल को शिक्षक सम्मान स्वरूप स्वर्णिम पदक दिया गया।

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