शामली कांधला रोड पर गांव आनदी के शिव मंदिर को अपना आश्रय स्थल बना चुके लगभग 78 वर्षीय संत बाबा शंकर भारती गुरुवार को ब्रह्मलीन हो गए। जो बीते समय से अस्वस्थ चल रहे थे। गौरतलब हो कि चरथावल क्षेत्र के गांव दूधली के मूल निवासी ओम प्रकाश गुप्ता का बेटा सुरेश धार्मिक विचारधारा के चलते किशोरावस्था में घर से लापता हो गया था। जो संत मंगल भारती की शरण में पहुंच गया था। जिन्होंने इन्हें शंकर भारती का नाम दिया था। अपनी त्याग एवं तपस्या के चलते संत शंकर भारती जगतगुरु शंकराचार्य जी के संपर्क में आए एवं जूना अखाड़ा में भी शामिल हुए। जिन्होंने रायपुर कुंडी गांव में भी अपना आश्रय स्थल बनाया। संत शिरोमणि भारती ने अनेक जगह अपनी तपस्या के बल पर लोगों को अपना शिष्य बनाया और सिद्धि एवं प्रसिद्धी प्राप्त की। ब्रह्मलीन बाबा शंकर भारती के तयेरे भाई झिंझाना कस्बा निवासी सुरेंद्र गुप्ता के अनुसार चचेरे भाई बाबा शंकर भारती का परिजनों को तब पता चला था।
जब लापता होने के लगभग 15 - 20 वर्ष बाद उन्होंने अपने गांव दूधली में ही विशाल भंडारे का आयोजन कराया था। संत शिरोमणि भारती ने अपनी त्याग और तपस्या के बल पर असंख्य श्रद्धालुओं के दिलों पर राज किया। और उनका मार्गदर्शन कर गुरु की उपाधि ली। परिणाम स्वरूप संत के ब्रह्मलीन होने पर भारी संख्या में लोग उपस्थित हुए एवं उन्हें नम आंखों से समाधि दी गई। इस अवसर पर गांव निवासी लाला एवं रामेश्वर संत भारती के छोटे भाई पवन कुमार ,बहन मचला , एवं चचेरे भाई सुरेंद्र गुप्ता एवं परिजनों के अलावा अनिल कुमार , सुमित गुप्ता , बालेश आदि बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। संत के ब्रह्मलीन होने पर क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रेम चन्द वर्मा
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