कैराना। थर्ड डिग्री टॉर्चर के मामले में कोतवाली पर तैनात एसएसआई राधेश्याम की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। न्यायालय ने एसएसआई के विरूद्ध परिवाद दर्ज करने के आदेश दिए हैं। फरवरी 2022 में कोतवाली में शिकायत लेकर पहुंचे दो लोगों को एसएसआई द्वारा थर्ड डिग्री टॉचर करने का आरोप है। क्षेत्र के गांव बुच्चाखेड़ी निवासी जसवीर ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से 156(3) के तहत कैराना स्थित न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शामली के यहां प्रार्थना पत्र दिया। पत्र में बताया कि उसके भाई सोनू ने गांव के ही युवक के यहां कमेटी डाली हुई थी, जिस पर लाखों रुपये उधार था। 11 फरवरी 2022 को रात के समय उसका भाई अपने पैसे लेने के लिए उक्त युवक के घर पहुंचा। आरोप है कि वहां मौजूद युवक, प्रधानपति व एक अन्य के साथ में पैसों को लेकर कहासुनी हो गई, जिन्होंने धमकी दी थी कि उनका रिश्तेदार
दारोगा है, कुछ नहीं बिगड़ पाएगा। आरोपी पक्ष कोतवाली पहुंच गया। आरोप है कि जब उसका भाई सोनू अपने साथ विक्की को लेकर कोतवाली में शिकायत करने पहुंचा, तो एसएसआई राधेश्याम ने गाली-गलौज करते हुए उनके साथ में मारपीट की। रात में ही उनका फैसला भी हो गया। लेकिन, एसएसआई ने फैसला न मानकर लाठी से बुरी तरह से मारपीट की और हड्डी तोड़ दी गई। आरोप है कि एसएसआई ने डरा-धमकाकर उसके भाई सोनू की वीडियो बनवाई कि उसके पैर की हड्डी गिरने के कारण टूटी है। पुलिस द्वारा उसके भाई सोनू व विक्की का सरकारी अस्पताल में मेडिकल कराया गया। डाक्टर ने उसके भाई को रेफर कर दिया। आरोप है कि इसके बावजूद भी एसएसआई ने उसके भाई व विक्की को लॉकअप में बंद कर दिया। उन्हें धमकी भी दी गई। इसके बाद 151 में चालान किया गया, जिस पर उन्होंने उपजिला मजिस्ट्रेट के यहां से जमानत मिली। पीड़ित ने बताया कि उसके भाई का ऑपरेशन कराया गया है। इस मामले में एसएसपी सहित उच्चाधिकारियों से भी शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस मामले में न्यायालय ने एसएसआई राधेश्याम के विरूद्ध परिवाद के रूप में दर्ज रजिस्टर करने के आदेश दिए हैं। वादी के अधिवक्ता नरेंद्र चौहान ने बताया कि एसएसआई राधेश्याम के विरूद्ध न्यायालय ने परिवाद दायर करने के आदेश दिए हैं।
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जांच सौंपी थी, पर नहीं हुई कार्रवाई
एसएसआई राधेश्याम थर्ड डिग्री टॉर्चर के आरोपों से घिरे थे, तो यह मामला गर्माता नजर आया था। इस पूरे प्रकरण पर एसएसपी सुकीर्ति माधव ने स्वयं संज्ञान लिया था। उन्होंने प्रकरण की जांच तत्कालीन सीओ जितेंद्र कुमार को सौंपी थी। जांच में एसएसआई पर लगाए गए आरोप कितने सत्य थे, यह बात सामने नहीं आई। सीओ जितेंद्र कुमार का स्थानांतरण भी पूर्व में हो चुका है। एसएसआई के विरूद्ध कोई कार्यवाही होती नजर नहीं आई।
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थर्ड डिग्री मानवाधिकारों का हनन
पुलिस पर थर्ड डिग्री टॉर्चर के आरोप लगते रहे हैं। यह अमानवीय कृत्य होता है। पुलिस के अमानवीय व्यवहार के कारण मानवाधिकारों का हनन किया जाता है। यदि ऐसे मामलों में मजबूत पैरवी की जाए, तो पुलिस की मुश्किलें भी बढ़ती नजर आती है।
जबकि कोतवाली पर तैनात वरिष्ठ उपनिरीक्षक राधे श्याम अपनी ओर से पहले ही सफाई दे चुके हैं अब अदालत से तलबी आदेश दिए गए हैं जिसको लेकर एस एस आई राधे श्याम की मुश्किलों में इजाफा होता नजर आ रहा है।
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