डाक्टर बदरुल इस्लाम कैरानवी ने किया योग की अद्वितीय सेवाओं की प्रदर्शनी का उद्घाटन


आल इण्डिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के तत्वावधान में नि:शुल्क यूनानी चिकित्सा शिविर के मोके पर फिटनेस लीडरशिप वर्कशॉप के साथ, योग व्यायाम आंदोलन की भव्य शुरुआत और मुस्लिम शोधकर्ता तथा अंतर्राष्ट्रीय योगा गुरु डॉ. बदरुल इस्लाम कैरानवी की योग के छेत्र में अद्वितीय सेवाओं की प्रदर्शनी का उद्घाटन दिल्ली के अल-फलाह इस्लामिक स्कूल, नॉर्थ गोंडा में पैरामेडिकल योग में फिटनेस लीडरशिप वर्कशॉप में फिटनेस की डोज आधा घण्टा रोज़ के नारों ने प्रतिभागियों में जोश भरदिया। मिशनरी प्रोग्राम से घर घर में स्वास्थ्य की लहर दौड़ने के लिए संघर्षशील खानदानी हकीम डॉ. बदरुल इस्लाम कैरानवी, कई किताबों के लेखक हैं

आप को राष्ट्रिय स्तर की संस्था आल इण्डिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के संन्स्थापकों ने योग से स्वास्थ्य संरक्षण के महत्त्वपुर्ण काम की कमान सौंपी है। अमीरे-कारवां, आल इण्डिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के महासचिव और भारत सरकार आयुष मंत्रालय सीसीआरयूएम के डिप्टी डाइरेक्टर डॉ सैयद अहमद खान ने कहा की आज के रहन-सहन के बदले हालात में, यूनानी चिकित्सा के साथ-साथ डॉ. बदरुल इस्लाम कैरानवी की चयनित पैरामेडिकल तिब्बी वर्जिश योग अभ्यास का उपयोग बेहिसाब  फायदेमंद है। यह कार्यक्रम जमात-ए-इस्लामी हिन्द, दिल्ली प्रांत के अमीरे-हलक़ा श्री अब्दुल वहीद साहिब की निगरानी में और जाहिद हुसैन साहब द्वारा निर्देशित किया गया।

कार्यक्रम के संयोजक नईम रजा साहब ने कहा कि जान है तो जहान है, दिल्ली सरकार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हबीबुल्लाह ने कहा कि मौजूदा अशांत परिस्थितियों में डॉ. बदरुल इस्लाम कैरानवी के ये चयनित अभ्यास, आज के हालात में अप्रत्याशित नेमत हैं और शारीरिक कमज़ोरियों मानसिक दुर्बलताओं पर काबू पाने में कारगर साबित हैए हैं, वक़्त रहते समझें, सनंभलें और हकीम अजमल खा मरहूम के अंदाज़े-

फिक्र को समझते हुए तिब्बी वर्ज़िशों का इस्तेमाल, योग्य प्रशिक्षक के मर्गदर्श में शुरू करें और बिना किसी भेदभाव के इन अभ्यासों के माध्यम से भारतीयों को स्वस्थ बनाने में अपनी आदर्श भूमिका निभाएं वरना स्वास्थ्य दुश्मन परिस्थितियों के कारण वह दिन दूर नहीं जब हमारी दास्तां भी न होगी दस्तानों में।अब्दुल गफ्फार साहिब ने हदीस शरीफ के माध्यम से याद दिलाया कि एक मजबूत अस्तित्व वाला मोमिन एक कमजोर अस्तित्व वाले मोमिन से बेहतर है।

इस अवसर पर हाकिम अता-उर-रहमान अजमाली ने, यूनानी चिकित्स्कों के बीच से फ़र्जे-किफ़ाया की तरह 1975 से यादगार सेवाएं प्रदान करने वाले खानदानी हकीम डॉ. बदरुल इस्लाम कैरानवी के चिकित्सा अभ्यास के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और कहा कि बेहतरीन परफॉर्मेंस देने वाला उत्तम स्वास्थ्य पाने के लिए यह वर्जिश कामयाब साबित हुई हैं, इन्हें सीख कर और सिखा कर अपने आप को स्वस्थ और देश को उन्नत बनाए, पैरामेडिकल योग में फिटनेस लीडरशिप वर्कशॉप के सफल प्रतिभगीयों; मोहम्मद फुजैल, मोहम्मद मुजम्मिल, डॉ. नसीम अहमद, डॉ. शकील अहमद, डॉ. नरगिस मलिक, साजिद सैफी,

कामरान आदि को कार्यक्रम के संयोजक नईम रजा, डॉ. हबीबुल्लाह, डॉ. सैयद अहमद खान, हकीम अता उर रेहमान अजमली और हकीम एजाज़ अहमद अजाज़ी वगेरा द्वारा प्रमाण-पत्र प्रदान कर सरफराज किया गया और इस सफल कार्यक्रम में ईमानदारी से सेवाऐं देने वाली जुवेरिया शमीम और कौसर के लिए दुआ की गई।

आशा है कि करोड़ों रुपय के  योग के बजट से, सरकारें वंचित वर्गों की हिस्सेदारी की फिकर खुद करेंगी या अल्पसंख्यक आयोग समान अवसर दिलाने के लिए रास्ता निकालेगा।

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