सृजन के लिए बीज का मिट्टी में गलना जरूरी, यही सफलता का मूलमंत्र : मोहता

 


श्री जागृति संस्थान का ग्रेंड लिटरर अवॉर्ड सेरेमनी 2021 मिनी ऑडिटोरियम में हुआ आयोजित, जोधपुर : जोधपुर में श्री जागृति संस्थान की ओर से  मिनी ऑडिटोरियम में ग्रेंड लिटरर अवार्ड सैरेमनी 2021 का आयोजन हुआ। इस दौरान संस्थान के सचिव पंकज जांगिड़ ने बताया कि इस दौरान साहित्यकारों और सामाजिक सरोकारिता में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभूतियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर, श्रीफल प्रदान कर, माला पहनाकर और शाॅल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इस दौरान साहित्यकार-चिंतक रविदत्त मोहता ने कहा कि बीज जब चुपचाप मिट्टी में गल जाता है तो सृजन होता है। यही सफलता का मूल मंत्र है। दुनिया में जितने भी लोगों ने सफलता प्राप्त की है वे एकांतमय होकर अपने को समर्पित कर देते हैं, तभी दुनिया के सामने उनका असली चेहरा सामने आता है। अध्यात्म-विज्ञान-साहित्य ही सृष्टि का मूल है।

इस क्षेत्र में निरंतर डूबने की जरूरत है। वे रविवार को मिनी ऑडिटोरियम में श्री जागृति संस्थान के ग्रेंड लिटरर अवॉर्ड सैरेमनी में अध्यक्षीय उद्बोधन दे रहे थे। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महापौर दक्षिण वनिता सेठ थीं। विशिष्ट अतिथि समाजसेवी आशिफ निसार और श्री जागृति संस्थान के प्रदेशाध्यक्ष राजेश भैरवानी थे। अति मानव सम्मान से विभूषित प्रो. देव अरस्तु पंचारिया ने कहा कि अध्यात्म के बगैर विज्ञान अधूरा है और विज्ञान के बगैर अध्यात्म। उन्होंने ब्रिटेन के राजपरिवार का सर्वोच्च सम्मान पूर्ण रॉयल चार्टर मिलने का सफर बताते हुए कहा कि मैंने नहीं सोचा था कि वैज्ञानिक के रूप में इतना जल्दी दुनिया स्वीकार करेगी। जब से मैंने समझ पकड़ी तब से सृजन-विज्ञान से जुड़ा रहा। मेरी जिज्ञासाओं ने मुझे मुकाम दिलाया। उन्होंने बताया कि करीब 300 फार्मूले उन्होंने पेटेंट करवाए हैं। उनकी फार्मूलों पर रिसर्च हो रही है। भौतिक विज्ञान को उन्होंने नव आयाम दिया है। शाहिद मिर्जा ग्लोबल क्रिएटिव जर्नलिज्म अवार्ड से सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार एमआई जाहिर ने कहा कि आदमी कितना ही इंटरनेशनल हो जाए जब तक उन्हें अपनों से अपने घर में सम्मान नहीं मिलता उसका कोई महत्व नहीं है। उन्होंने पाक विस्थापितों की नागरिकता के लिए किए संघर्ष और अमेरिकी संसद के चुनाव की कवरेज का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी लेखनी को लोगों ने पसंद किया, यही उनकी पूंजी है। ताराप्रकाश जोशी स्मृति हिन्दी साहित्य शलाका अवार्ड डॉ. रामप्रसाद दाधीच को दिया गया।

उनके सुपुत्र रविप्रसाद दाधीच ने सम्मान ग्रहण किया। लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड उपन्यासकार डॉ. जैबा रशीद को, श्री जागृति हिन्दीतर भारतीय भाषा अवार्ड सिन्धी  के लिए हरीश देवनानी को उनके एकांकी संग्रह ‘कत्ल जी रात’, श्री जागृति बुक ऑफ द ईयर अवार्ड हिंदी के लिए कासिम बीकानेरी की पुस्तक ‘आज कह दूं कोई गजल ऐसी’ पर, श्री जागृति बुक ऑफ द ईयर अवार्ड राजस्थानी प्रमोद कुमार शर्मा को उनके कहानी संग्रह ‘अरदास’ के लिए दिया गया। जागृति साहित्य रत्न अवार्ड डॉ. साजिद निसार, खुदादाद खान मूनिस नेशनल शाइरी अवार्ड फ़ानी जोधपुरी को दिया गया। एक्टिव मेंबर का अवार्ड स्नेहलता सुथार और श्री जागृति सेवा सम्मान बाबा रामदेव समाज सेवा संस्थान को दिया गया। संचालन मधुर परिहार और अशोक सुथार ने किया। इस मौके पर दिलीप केसानी, दिलीप पुरोहित, पंकज जांगिड़, अमित सांखला, उत्तम कुलरिया, अशफाक अहमद, विनीता नागौरा, सुशील एम व्यास, राखी पुरोहित, दिनेश जांगिड़, राजकुमार, नंदिता, प्रिया, बाबूलाल, आनंद हर्ष, भीमराज सैन, न्यूरोथैरेपिस्ट व नेच्युरोपेथिस्ट संतुसिंह मेड़तिया सहित कई साहित्यकार, पत्रकार और गणमान्य लोग मौजूद थे। आभार राजेश भैरवानी ने जताया। इस दौरान संस्था के संरक्षक दिलीप केसानी ने समझो भारत न्यूज़ डिजिटल चैनल नई दिल्ली के राष्ट्रीय प्रभारी कान्तिलाल मेघवाल से बातचीत कर कार्यक्रम के उद्देश्य एवं कार्यक्रम के बारे में बताया। यह जानकारी पंकज जांगिड़, सचिव, श्री जागृति संस्थान, जोधपुर ने दी। समझो भारत डिजिटल न्यूज़ चैनल नई दिल्ली से राष्ट्रीय प्रभारी कान्तिलाल मेघवाल की रिपोर्ट

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