कैराना। नगर के स्वास्थ्य केन्द्र पर कार्यरत आशाओं ने मानदेय मांगने पर चिकित्सा अधीक्षक पर अपमानित करने के लगाए आरोप
मानदेय पर काम कर रही महिला आशाओं को 8 महीने से मानदेय नहीं मिल पा रहा हैं। सीएचसी पर ट्रेनिंग पर आई आशाओं ने जब चिकित्सा अधीक्षक से मानदेय की देने की मांग की तो चिकित्सा अधीक्षक ने उन्हें अपमानित कर बेशर्म बोल दिया। आशाओं ने चिकित्सा अधीक्षक पर अपमानित करने के आरोप लगाते हुए चिकित्सा अधीक्षक के केबिन में घुसकर हंगामा कर दिया। आशाओं ने चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ कार्यवाही कराने व मानदेय दिलवाने की मांग की है।कैराना ब्लॉक में करीब 160 महिला आशाएं मानदेय पर कार्य करती है। पिछले दिनों कोरोना महामारी फैलने के बाद शासन के निर्देश पर सभी आशाओं की कैराना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ड्यूटी लगाई गई थी। लेकिन 8 महीने से आशाओं को मानदेय नहीं मिल पा रहा है। आशाओं ने पूर्व में कई बार उच्चाधिकारियों को मानदेय दिलाने की मांग भी की थी, लेकिन आशाओं को मानदेय नहीं मिल पा रहा है। शनिवार को कैराना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ट्रेनिंग देने के लिए सभी आशाओं को बुलाया गया था। ट्रेनिंग से पहले आशाओं ने चिकित्सा अधीक्षक डॉ भानु प्रकाश से मानदेय दिलाने की मांग की तो आशाओ ने चिकित्सा अधीक्षक पर बेशर्म कहकर अपमानित करने के आरोप लगाए। जिसके बाद महिला आशाओं ने ट्रेनिंग लेने से मना कर दिया। दर्जनों आशाओं ने चिकित्सा अधीक्षक के केबिन में घुसकर जबरदस्त हंगामा प्रदर्शन कर किया। आशा बबीता ने बताया कि वें 8 महीने से कोरोना की ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें एक पैसा नहीं दिया जा रहा। जिस कारण उनके सामने आर्थिक संकट भी खड़ा हो गया है। आज उनके द्वारा चिकित्सा अधीक्षक से मानदेय दिलाने की गुहार लगाई तो चिकित्सा अधीक्षक ने उन्हें अपमानित किया है। आशाओं ने चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ कार्यवाही कराने तथा मानदेय दिलाने की मांग की हैं। जब इस सम्बन्ध मामले में चिकित्सा अधीक्षक से बात करने का प्रयास किया गया तो अधीक्षक ने फोन रिसीव तक नहीं किया।
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