स्कूल खोलने का निर्णय सरकार का उचित नहीं ----उपेंद्र चौधरी : स्कूल संचालकों के दबाव में लिया गया निर्णय : बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़


सरकार द्वारा 16 अगस्त से प्रदेश में खोले जा रहे हैं स्कूल के निर्णय को हिंदू स्वाभिमान रक्षक सेना के अध्यक्ष व केंद्रीय लोक शिकायत एवं जांच आयोग के चेयरमैन ने अनुचित बताते हुए सवाल खड़े किए उन्होंने कहा कि सरकार का यह निर्णय स्कूल संचालकों के दबाव में लिया गया निर्णय है उन्होंने कहा कि जहां देश के सभी डॉक्टर एवं खुद सरकारी विमान रही है कि तीसरी लहर आएगी तो ऐसे में स्कूल खोले जाने का क्या औचित्य है जैसे कि आप सभी लोगों ने दूसरी लहर में देखा कि दूसरी लहर में मुख्य भूमिका चुनाव ने निभाई जिससे ना जाने कितनी जाने गई और यही कारण अब हो रहा है कि जब तीसरी लहर सर पर है और डॉक्टरों का कहना है कि इसका अधिक असर भी बच्चों पर पड़ने के आसार हैं लेकिन फिर भी ऐसे में स्कूलों के खोलने का निर्णय लिया जाना कहीं ना कहीं बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ है इतने समय से स्कूल बंद चल रहे हैं तो क्यों नहीं लहर के आने और समाप्त होने के इंतजार करने में सरकार को क्या दिक्कत उत्पन्न हो रही थी कि ऐसी परिस्थिति में स्कूल खोलने के निर्णय देने पड़े यह सोचने का विषय है जय श्री दूसरी लहर बड़ी संख्या में हुई मौतों की जिम्मेदारी आज तक को लेने को तैयार नहीं भगवान ना करे यही स्थिति की शहर में भी उत्पन्न हुई तो कौन लेगा इसकी जिम्मेदारी मात्र स्कूल संचालकों को फायदा देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है ऐसे में बच्चों की जिंदगी से इस तरह सरकार को खेलना किसी भी नजरिए से उचित नहीं है केवल कुछ लोगों को लाभ देने के लिए इतने जिंदगी से खिलवाड़ कहीं सरकार को भारी न पड़ जाए भारी न पड़ जाए उन परिवारों को उन बच्चों को जो स्कूल खुलने पर स्कूल में जाए इस संबंध में मेल कर प्रदेश के मुख्यमंत्री से तीसरी लहर इंतजार करने तथा उसके बाद स्कूल खोलने की मांग करते हुए

हिंदू स्वाभिमान रक्षक सेना के अध्यक्ष उपेंद्र चौधरी स्कूल संचालकों के दबाव में देश के भविष्य युवा बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने की मांग की वही कहा कि जहां सरकार है किसी भी तरह की अभिभावकों को करोना कॉल में किसी भी तरह की राहत देने में दिलाने में नाकाम रही है नाकाम सही लेकिन अपनी नाकामी छिपाने के लिए स्कूल संचालकों के दबाव में इस तरह देश के भविष्य से युवाओं के साथ उनके जीवन से खिलवाड़ ना करें पूर्व में की गई सरकारों की घोषणाओं के आधार पर तीसरी  लहर को पूर्व की दोनों लहरों से बेहद गंभीर बता जा रहा है ऐसे में सरकार का निर्णय उचित नहीं है साथ ही साथ केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं अभिभावकों की भी जिम्मेदारी है कि ऐसी परिस्थिति में स्कूल खुले या ना खुले सरकार ने न ले या ना ले सरकार ने तो चुनाव भी कराए थे इन चुनाव के कारण मैं जाने कितने लोगों की जान गई कितना विकट रूप धारण कर लिया था दूसरी लहर नहीं यह हम सभी जानते हैं इसलिए अभिभावकों को भी सरकार के निर्णय के विरुद्ध जाते हुए अपने बच्चों की जान की सुरक्षा के लिए इस समाज देश व प्रदेश की हर एक जनता की सुरक्षा के लिए अभी स्कूलों से बना ली होगी दूरी तभी  कोरोना पर पूर्ण रूप से काबू पाया जा सकता है

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