सैंट. आर. सी. काॅन्वेंट स्कूल, शामली में श्री कृष्ण जन्मोत्सव के आगमन के अवसर पर दो दिवसीय कलात्मक सज्जा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।


आयोजन के दूसरे दिन भगवान श्री कृृष्ण जी को झूले में झूलते सज्जा प्रतियोगिता में कक्षा 9वीं से 12वीं तक की छात्राओं ने सुन्दर व मनमोहक झूले में श्री कृष्ण जी को झूला कर अपनी कलात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन कर के, सभी अध्यापक व अध्यापिकाओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

भगवान श्री कृष्ण पूरे संसार के लिए आराध्य है, कहीं राधा बल्लभ तो कहीं गोविंद कहीं कान्हा, लड्डू गोपाल यह माखन चोर माधव ही है, जिनके मंदिरों की संख्या भी संसार में सबसे अधिक है अलग-अलग प्रकार से हम इनकी आराधना करते हैं। इस्कॉन में नृत्य में झूमते हुए इनकी आराधना की जाती है हिंदुस्तान के मंदिरों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर रात 12ः00 बजे दर्शन कर प्रसाद ग्रहण करते हैं


ऐसे श्री भगवान का जन्म उत्सव मनाते हुए आज हमें अध्यात्मिक सकून प्राप्त हो रहा है यह बातें सैंट. आर. सी. काॅन्वेंट स्कूल के चेयरमैन अरविंद संगल जी ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय प्रतियोगिताओं के समापन के अवसर पर स्कूल प्रांगण में दिये और उन्होंने छात्राओं के उत्साह व प्रतिभा की प्रंशसा करते हुए कहा कि भगवान विष्णु जी ने धरती पर तब-तब जन्म लिया जब-जब अधर्म और अत्याचार बढ़ा, श्री कृष्ण को विष्णु का 8वाँ अवतार माना जाता है। श्री कृष्ण 16 कलाओं से सम्पन्न पूर्णावतार है। 

आयोजन में शिक्षक एवं शिक्षिकाओं ने भगवान श्री कृष्ण के संबंध में छात्र छात्राओं को अवगत कराया कि उन्होंने कितने महान कार्य किए और वह कितने महान थे। श्री कृष्ण जी के हाथ में एक बाँसुरी और सिर पर मोर मुकुट पंख, गलें मे वैजयंती माला तथा पीताम्बर धारण किये रहते है। श्री कृष्ण अपनी रास लीलाओं और माखन चोर एवं अन्य गतिविधयों के लिए अपने मानव जन्म के दौरान से विश्व में प्रसिद्ध है।


कार्यक्रम के दूसरे दिन श्री कृष्ण के प्रिय झूलों को अपने-अपने तरीके से सुन्दर-सुन्दर सजाकर स्कूल की छात्राओं ने त्यौहार के प्रति अपने उत्साह का प्रदर्शन कर ये साबित कर दिया कि वे पढ़ाई के साथ-साथ हर क्षेत्र में पारंगत हैं। जन्माष्टमी की प्रतियोगिता में कक्षा 9वीं से 12वीं तक की छात्राओं ने सुन्दर-सुन्दर झूले बनाए जिसमें राधिका संगल को प्रथम स्थान, ईशा निर्वाल व साक्षी संगल को द्वितीय स्थान एवम् तनिशा बंसल और कृतिका अहलावत ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।


विजेता छात्रओं को पुरस्कृत करते हुए उनका उत्साहवर्धन करते हुए स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमति मीनू संगल जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में त्यौहार खुशी एवं शांति, सद्भावना व उल्लास के प्रतीक माने जाते है। हर त्यौहार के साथ हमारी धार्मिक भावनाएँ जुड़ी रहती हैं। प्रत्येक त्यौहार का उद्देश्य देश के लोगों में एकता तथा आपसी समाजस्य की भावना को बढ़ाना है। भारत विविधताओं वाला देश है। हमें हर पर्व शांति, सौंहार्दपूर्ण तथा हर वर्ग के सम्मान के साथ मनाना चाहिए।

श्री कृष्ण प्रिय प्रतियोगिता की कार्यक्रम की संचालिका श्रीमति रिचा आर्य ने सभी बच्चों को बधाई दी। इस अवसर पर आदित्य कुमार, आर. पी. एस. मलिक, हरिओम वत्स, अनिता वत्स, कुलदीप निर्वाल, सुरक्षा सैन, अरविन्द शर्मा, नरेश पंत, आशा, सेठ, निशा शार्मा, कविता संगल, निधि भारद्ववाज, जसंविदर कौर, रीना गोयल, इन्दू नामदेव, सरोज अरोरा, मीनाक्षी, विशाखा गोयल, आँचल, विशाखा चौधरी , अंजू पंवार,  स्वाति सिंह, प्रतिभा सिंह, अंजू मलिक, सपना चौधरी , निशा नायर, देबोनीता, लक्ष्मी जयन एवं कार्यक्रम संचालिका रिचा आर्य आदि उपस्थित रहें।

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