जिला कार्यक्रम जिला कार्यक्रम अधिकारी शामली द्वारा नियम विरुद्ध आरक्षण करने तथा चयनित सूची की PDF दलालों तक पहुंचने की शिकायत


मुख्यमंत्री निदेशक चेयरमैन पिछड़ा आयोग अनुसूचित आयोग तक पहुंचा शामली आंगनवाड़ी भर्ती प्रकरण
उत्तर प्रदेश आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री बबीता चौधरी जिला कार्यक्रम अधिकारी शामली के द्वारा गलत तरीके से आरक्षण किए जाने की शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ-साथ विभागीय निदेशक पिछड़ा आयोग चेयरमैन अनुसूचित आयोग चेयरमैन

श्री चौधरी ने बताया कि जनपद शामली की परियोजनाओं का संचालन 2004 में हुआ था जबकि एक परियोजना पहले से संचालित थी 2004 में आरक्षण किया गया कोटा कम होने के चलते एक बार फिर 200-7/8 में किया गया तब जनपद मुजफ्फरनगर हुआ करता था एससी कोटे में कोटा पहले न्याय पंचायत पर पूरा किया जाता है पुराने होने की स्थिति में परियोजना पर

और परियोजना पर पुराना होने पर जिला स्तर पर पूरा किया जाता है यही प्रक्रिया अपनाई गई थी लेकिन अब जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जबकि रिक्त पदों पर वैकेंसी आई थी ऐसे में आरक्षण की आवश्यकता नहीं थी

केवल अपने चहेतों को लाभ देने के चलते आरक्षण किया और आरक्षण ही नहीं जो कि नियमित और गलत तरीके से किया गया बल्कि चयन

समिति की चयनित सूची यहां तक की पीडीएफ फाइल भी सूची चस्पा होने से पहले सीडीपीओ सुपरवाइजर एवं दलालों के माध्यम से सभी के मोबाइल में इधर से उधर करने लगी और भर्ती का खेल शुरू हो गया खेल से संबंधित समाचार, समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए 

समाचारों से बौखला कर आनन-फानन में सूची को चस्पा कर अभिलेखों का सत्यापन शुरू कर दिया गया जबकि अभिलेखों का सत्यापन केवल नजर भर देखने से नहीं होता जहां से अभिलेख बने हैं वहां से सत्यापित कराने होते हैं जिसमें समय लगता है उक्त प्रकरण की शिकायत आंगनवाड़ी संघ के प्रदेश

महामंत्री बबीता चौधरी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री निदेशक बाल विकास एवं पुष्टाहार चेयरमैन पिछड़ा आयोग एवं अनुसूचित आयोग से की श्रीमती चौधरी का कहना है कि जिन आंगनवाड़ी वर्कर की रिपोर्ट और प्रमोशन फाइलें पहले ओबीसी एससी कोटे पर जा चुकी है या सामान्य कोटे पर जा चुकी है उनका केंद्र का आरक्षण कोटा चेंज होने से उनके के सभी दस्तावेज भी मायने हो जाएंगे या बाद के बेमानी हो जाएंगे जिससे भविष्य में आंगनबाड़ियों को भारी समस्या का सामना करना पड़ेगा एक

अधिकारी की हठधर्मिता के सामने जनपद के अधिकतर आंगनवाड़ी के सामने समस्या उत्पन्न होगी भविष्य में उत्पन्न ना हो इसी के चलते कुछ अधिकारी शिकायत की गई है अब देखना यह होगा कि अधिकारी समय रहते ऊपर का संज्ञान ले पाएंगे या कर पाएंगे  जांच यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन इतना तय है कि दाल में कुछ तो काला है अन्यथा मुजफ्फरनगर से रिपोर्ट लिए बगैर आरक्षण  लागू न करते और ना ही सूची चस्पा होने से पहले इस तरह पीडीएफ फाइल चयनित आंगनवाड़ी की मोबाइल उतरना भागी फिरती कुछ तो गड़बड़ है जिसकी जांच होनी चाहिए यही मांग मुख्यमंत्री की गई तथा दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी कार्रवाई हो

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