**आशा** ( कविता )


बूँद बूँद से सागर कुछ यूँ भरें हम 

तिनका तिनका जोड़ें तो घर बनाएँ हम..!!


छोटी सी आशा से निराशा मिटाएं हम

फूलों की ख़ुशबू सा इत्र महकायें हम!!

चलो आज मानवता की बगिया सजायें हम

रोते हुए मानव को थोड़ा सा हँसायें हम!!


किसी खामोश शिशु को

चंचलता सिखाएं हम!!

थोड़ी सी कोशिश और धरती बचायें हम!!!


किसी भूखे को रोटी देकर कर्तव्य निभाएं हम

किसी निरक्षर व्यक्ति को पढ़ना सिखाएं हम!!

कभी एक शिक्षक, कभी दर्द की दवा

तो कभी उम्दा इंसान बन जाएँ हम!!


चलो किसी बच्चे को चलना सिखाएं हम

बेहतर भविष्य की खातिर उड़ना सिखाएं हम!!

किसी का सूरज ना सही, छोटा सा दिया बन जाये हम

किसी के दुःख दूर कर जीवन बचाएं हम...!!!

पूनम भास्कर "पाखी"

डिप्टी कलेक्टर यूपी


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