समिति सचिव के आदेशों के बावजूद भी शामली शुगर मिल ने किसान को नहीं दिया गन्ने के बीज का बिल

 


शामली शुगर मिल एक बार फिर से अब चर्चाओं में आ गया जहां पहले नकली पोटाश बेचने के लिए शामली शुगर मिल चर्चाओं में रहा है नकली पोटाश का अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाए वहीं अब शामली शुगर मिल द्वारा किसानों को दिए जा रहे गन्ने के बीज को लेकर चर्चाओं में आपको बता दें कि ग्राम टीटोली निवासी विशाल जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की गई थी कि उसके द्वारा शामली शुगर मिल से 40 किलो गन्ने का बीज ₹5000 देकर खरीदा गया बीज घटिया क्वालिटी का होने के कारण जमाव भी सही नहीं हो पाया और ना ही मिल द्वारा उसको गन्ने के बीज का बिल दिया गया जबकि जनपद की  ऊन शुगर मिल अपने किसानों को दिए जा रहे गन्ने के बीज का बिल दे रही है जबकि शामली शुगर मिल बार-बार शिकायत के बावजूद भी किसान को गन्ने के बीज का बिल उपलब्ध नहीं कराई रही है जिस के संदर्भ में सहकारी गन्ना विकास

समिति लिमिटेड शामली के सचिव ने दिनांक 13 4 2021 को अपने पत्र संख्या 72 के संदर्भ में महाप्रबंधक गन्ना चीनी मिल शामली को आदेश दिया था कि शिकायतकर्ता किसान को उसके द्वारा खरीदे गए गन्ने के बीज का बिल दिया जाए लेकिन आदेशों के बावजूद भी किसान को गन्ने का बिल नदिया जाना सा प्रतीत करता है कि उक्त मिल द्वारा फर्जी तरीके से बीज बेचे जा रहे हैं या यूं कहिए कि बिना सीड के लाइसेंस के बीच बेचे जा रहे हैं जबकि सीट पर जो जीएसटी लगना चाहिए वह जीएसटी भी

नहीं दिया जा रहा है और एक बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी एवं किसानों के साथ धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया है अब देखना यह होगा कि उच्च अधिकारी क्या ऐसे जीएसटी चोर एवं  किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वाले मिल प्रबंधकों खिलाफ कोई कार्यवाही कर सकते है या नहीं जबकि किसान का कहना है कि यदि जल्द ही नहीं मिलता इंसाफ तो धोखाधड़ी के केस कर आ जाएगा दर्ज एवं आखिरी मुकाम तक इस इंसाफ की लड़ाई को लड़ा जाएगा ऐसे में किसान का लड़ाई के लड़ने का ऐलान कहीं ना कहीं मिल प्रबंधक की नींद जरूर उड़ा दी है लेकिन अब देखना यह होगा कि क्या किसान को इंसाफ मिल पाएगा या हर बार की तरह मिल प्रबंधक अपने ऊंची सांठगांठ के चलते मामले को दबाने में कामयाब होंगे तो आने वाला समय ही बताएगा क्षेत्र में पहले नकली फोटोस और अब नकली बीज का प्रकरण भी चर्चाओं का बना हुआ है

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