झिंझाना 13 जून। बाल्यकाल से नाथ संप्रदाय की उंगली पकड़कर भगवा चोला धारण करने वाले योगी बाबा कालूनाथ, आत्मशुद्धि एवं विश्व शांति के साथ मंदिर निर्माण के लिए लगभग सातवीं बार अग्नि के बीच रहकर 41 दिनों के लिए हठयोग के साथ साधना में लीन हैं।


करनाल हाईवे पर स्थित गांव लक्ष्मणपुरा की कुटिया में मंदिर बनाने के उद्देश्य को लेकर नाथ संप्रदाय के संत मेघनाथ के शिष्य योगी बाबा कालु नाथ ने लगभग सातवी वार 41 दिनों के लिए पंच धूणी तपस्या का हठयोग लिया है। उनकी यह तपस्या 1 जून से शुरू हुई थी। जिसके

अनुसार प्रतिदिन दोपहर 11: 15 बजे से लेकर अपराहन 2:15 बजे तक खुले आसमान की तपती धूप में, पांच धूणो के बीच बैठकर साधना करने का निर्णय लिया हुआ है।  जिसका समापन 41वें दिन जुलाई में होगा। और उस वक्त सामूहिक लंगर का भी आयोजन किया जाना है। 

     तपस्या से उठने के बाद लगभग 25 वर्षीय योगी बाबा ने बताया कि वह बाल्यकाल (8-9 वर्ष)  में बाबा मेघनाथ के संपर्क में आए थे। और उनकी प्रेरणा से नाथ संप्रदाय में उनकी उंगली पकड़ कर जीवन रूपी नौका पार करने का निर्णय लिया है। योगी कालू ने बताया कि गुरु से प्रेरित होकर आत्म शुद्धि एवं विश्व बंधुत्व की भावना के साथ मंदिर निर्माण के लक्ष्य को लेकर खड़ी तपस्या, ठंडे जल में स्नान, अग्नि के बीच रहकर तप करना, आदि विभिन्न प्रकार के हठयोग अपनाकर अपना जीवन सुधार रहा हूं। सातवीं बार मैं इस प्रकार हठ योग अपनाकर साधना कर रहा हूं।

प्रेम चन्द वर्मा

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