उत्तर प्रदेश सरकार , दिल्ली सरकार की तर्ज पर दे ,2500 रू प्रतिमाह
आज नेता हो या अधिकारी हो लाखों की पेंशन ले रहे हैं , वहीं पेंशन की बात की जाए तो , ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावत चरितार्थ होती है , वह है विकलांग, वृद्ध विधवाओं की पेंशन की जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इनको मात्र 500 रुपए दिए जाते है वहीं बात इनकी पेंशन की जाए तो दिल्ली सरकार द्वारा 2500 रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे है जो जिस से गरीब दो वक्त का खाना खा के जिंदा रह सकता है , अगर बात की जाए प्रदेश सरकार की तो क्या 500 प्रतिमाह पेंशन से गरीब दो वक्त का खाना खा सकता है , अगर वह उसकी नजर में खा सकता है तो देश में लाखों रुपए प्रतिमाह पेंशन नेताओं और मंत्रियों को क्यों दी जा रही है , अगर प्रदेश सरकार विकलांग , वृद्ध , और विधवाओं को दो वक्त की
रोटी पेट के लिए 2500 रुपए पेंशन के रूप में नहीं दे सकती तो वह 500 रुपए भी बंद कर दे , जिसे पाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा लगा कर टूट जाता , फिर कहीं आकर उसे 500 रुपए सरकारी खैरात के रूप में प्राप्त होते , जबकि वास्तविक देखा जाए तो उसे उसका अधिकार नहीं मिल पाता जो भारतीय संविधान ने दिया है , जबकि सरकार की पूरी जिम्मेदारी बनती है इनके लिए रोजगार श्रजन
कराने व दो वक्त की रोटी देने की , जो आज इसे निभाने में सरकारें असमर्थ और अपाहिज हो गई हैं ,इन सभी धरातल से जोड़ने के लिए सरकार को आयना दिखने के रूप में समाज सेवियों को आगे आना होता है समाज और देश की भलाई के लिए , उत्तर प्रदेश सरकार से क्रांतिकारी संगठन आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन यह मांग करता , गरीब ,विकलांग वृद्ध और विधवाओं की पेंशन दिल्ली की तर्ज पर उत्तर प्रदेश 2500 रुपए प्रतिमाह किए जाएं ताकि दो वक्त की रोटी बेचारे गरीबों को खुशी से नसीब हो सके
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