रोजा रखते हुए कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रहे डॉ जीशान सैफी


कोरोना काल में मानवता की सेवा कर रहे ऐसे कोरोना योद्धा को सैल्यूट करनाल:- रमजान का पवित्र माह चल रहा है। इसमें मुस्लिम धर्म के लोग इबादत के साथ 30 दिन के रोजे रखते हैं। इन दिनों एक डाक्टर ऐसे हैं जो अपने धर्म का पालन करते हुए डाक्टर होने का फर्ज भी निभा रहा है। भीषण गर्मी के दौर में रोजे रखकर पीपीई किट पहनकर बिना पानी के मरीजों की सेवा कर रहा है लंबे समय तक पीपीई किट पहन रहना एक चुनौती है। डाक्टर जीशान सैफी रमजान के पूरे रोजे रखते हुए भी अपने फर्ज से पीछे नहीं हट रहे। मरीजों को मौत के मुंह से खींच कर ला रहे हैं। जब वे पीपीई किट को निकालते हैं तब उनके कपड़े पसीने से भीग जाते हैं। ऐसे में दिन में पानी पीने और शरीर से पसीने के माध्यम से नमक व पानी की कमी होने से काफी ऊर्जा नष्ट हो जाती है। फिर भी वे काम में अपनी ऊर्जा दोगुनी ही बनाए रखते हैं ताकि कोरोना से मात देने वाले मरीज का उपचार मिल जाए।

दरअसल डाक्टर जीशान कोरोना की शुरुआत अप्रैल 2020 से ही अपनी सेवाएं लगातार दे रहे हैं। वर्तमान में वे करनाल के अमर्तधारा हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं  

ऐसे कई मरीज हैं जिनके 70 से 80 प्रतिशत लंग इंफेक्शन होने के बाद भी उन्होंने जिंदगी की जंग को जीता है। जब मरीज इस जंग को जीतकर स्वस्थ होकर जाता है तो डा. जीशान सैफी को कहता है- आपने हमें जीवनदान दिया है। तब डाक्टर मरीज से कहते, मैंने कुछ नहीं किया। मैंने सिर्फ अपना फर्ज निभाया। उस समय कई बार मरीज की आंखें नम हो जाती हैं।

No comments:

Post a Comment