विश्व परिवार दिवस भारतीय संस्कृति से प्रेरित दिवस - अरविंद संगल

 


दिनांक 15 अप्रैल दिन शनिवार आज विश्व भर में एकल परिवार की जैसे लहर सी फैल रखी है। बच्चे बड़े होकर नौकरी क्या करने लगते हैं, उन्हें खुद के लिए थोड़ा स्पेस चाहिए होता है और वह स्पेस उन्हें लगता है, अलग रहकर ही मिल पाता है। मैट्रोज में तो अब खुद मां बाप ही बच्चों को नौकरी और शादीशुदा होने के बाद अलग परिवार रखने की सलाह देते हैं। लेकिन अकेला रहने की एवज में समाज को काफी कुछ खोना पड़ रहा है। परिवार से अलग रहने पर बच्चों को ना तो बड़ों का साथ मिल पा रहा है, जिसकी वजह से नैतिक संस्कार दिन प्रति दिन गिरते ही जा रहे हैं और दूसरा, इससे समाज में बिखराव भी होने लगने लगता है।

यह बातें सेंट. आर. सी. काॅन्वेंट स्कूल की अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस के अवसर पर चल रही ऑनलाइन छात्र छात्राओं के द्वारा भाषण/कविता/कला प्रस्तुतीकरण के अवसर पर स्कूल चेयरमैन अरविन्द संगल ने कहीं और उन्होंने बताया 15 मई को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय और दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया जाता है। 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने संकल्प ए/आरईएस/47/237 के साथ आधिकारिक तौर पर  विश्व परिवार दिवस 15 मई को होगा ऐसी घोषणा की थी । अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस यह दर्शाता है कि विश्व परिवारों में कैसे आपसी भाईचारा रखना है। आज इस महामारी के दौर में हम फिर से संयुक्त परिवारों को याद करते

हैं, परिवार यदि संयुक्त हो तो घर में किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं रहती। क्योंकि उस परिवार का माहौल कितना भी तनाव में क्यों ना हो, फिर भी किसी ना किसी माध्यम से खुशियां आती रहती है। आज के दौर में खुश रहना मतलब आपकी आंतरिक शक्ति का मजबूत होने का सूचक है, जो व्यक्ति ज्यादा खुश रहते हैं। वह ज्यादा स्वस्थ है, आज के इस दौर

की विकट परस्थितियों में खुश रहने के लिए अवसर की तलाश रहती है और यह अवसर संयुक्त परिवार में बिना तलाशे ही मिल जाते हैं। कभी नौकरी की चाह में तो कभी आजादी की चाह में आजकल के युवा अकेला रहना पसंद करते हैं। हालांकि भारत में एकल परिवारवाद अभी ज्यादा नहीं फैला है। आज भी भारत में ऐसे कई परिवार हैं जिनकी कई पीढ़ियां एक साथ रहती हैं और कदम-कदम पर साथ निभाती हैं। लेकिन दिल्ली

, मुंबई जैसे महानगरों में स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ने लगी है, उम्मीद है जल्द ही समाज में परिवार की अहमियत दुबारा बढ़ने लगेगी और लोगों में जागरुकता फैलेगी कि वह एक साथ एक परिवार में रहेंगे, विश्व परिवार दिवस के अवसर पर शुभ नामदेव एवम शिवाए कक्षा एल.के.जी. ने अपने परिवार के हाथो की हथेली के प्रिन्ट का पोस्टर बनाया तो सारिका , अन्य

कुमार व पूर्व  कक्षा यू.के.जी. ने अपने माता-पिता व दादा-दादी का फोटो लगाकर कला का प्रदर्शन किया। कक्षा 12वीं की कृतिका अहलावत ने इंग्लिश में इंटरनेशनल फेमिली डे पर भाव व्यक्त किये तो कक्षा 11वीं की छात्रा आर्या दिव्यांशी ने परिवार की मजबूती पर तथा पूर्वी, जिया और वत्सला ने परिवार के स्टे-होम-स्टे सेफ थीम पर पोस्टर बनाकर अपने अपने परिवार के प्रति अपना समर्पण व्यक्तं किया। अथर्व आर्या कक्षा पांच ने गाँव की झोपड़ी में सुरक्षित परिवार को दिखाया। बच्चों की कला योग्यता का आंकलन  प्रोजेक्ट का संचालन समिति के सदस्य  करेंगे व एक सप्ताह पश्चात् ऑनलाइन पुरस्कार वितरण किया जायेंगा। 

कला प्रदर्शनी में पहला ग्रुप कक्षा एलकेजी से कक्षा पांच तक के बच्चों का था जिसमे कक्षा एलकेजी से शिवाय , शुभ नामदेव एवं हनू कक्षा यूकेजी से सारिका , पूर्व, एवं अन्य कुमार कक्षा द्वितीय से मानवी कौशिक कक्षा चतुर्थ से ईशान कोशिक कक्षा पंचम से अथर्व आर्य। विश्व परिवार दिवस को कला प्रदर्शन के माध्यम से सीनियर वर्ग के ग्रुप में 11वीं की छात्रा आर्य दिव्यांशी , वत्सला एवं सक्षम शर्मा कक्षा 12 पूर्वी , जिया , पाखी भारद्वाज , कृतिका , साक्षी संगल , सक्षम गर्ग अतिशय जैन , विजेता मलिक , तानिया सिंधु , एवम सार्थक शर्मा ने भाग लिया। कविता व भाषण प्रतियोगिता में भाग लेने  में पहला ग्रुप कक्षा से द्वितीय से कक्षा छठी तक बनाया गया था जिसमें कक्षा द्वितीय से ऐकांश नारायण ,


मानवी कौशिक , कक्षा तीन से हार्दिक गर्ग , कुणाल पांचाल एवम भास्कर मित्तल , कक्षा 4 से अदिति आर्य व यशी नामदेव , कक्षा  5 से अंशी गोयल एवम अथर्व आर्य , कक्षा 6 से जयंत मित्तल ने भाग लिया।

सीनियर ग्रुप में कक्षा 11 में 12 का था, जिनमें दिव्यांशी गर्ग , राधिका संगल , सुमित वर्मा , खुशी मलिक , कृतिका अहलावत , साक्षी संगल ने भाग लिया। कार्यक्रम संचालन समिति के सदस्य श्रीमती रिचा आर्य,

श्रीमती निशा नायर, श्रीमती अंजू मलिक, इंदु नामदेव ने कार्यक्रम का संचालन किया। ऑनलाइन सभा में उपस्थित परिवार व शिक्षको में मुख्यत: शालिनी गर्ग, सीमा पांचाल, विशाखा गोयल, देबनविता,

कनिष्का मित्तल, निधि भारद्वाज, सीमा जैन, विदिशा, प्रतिभा शर्मा, अनिता वत्स, कविता संगल, आदित्य कुमार, रविन्द्रपाल सिंह मलिक, पंकज कुमार गोयल, रवि हुड्डा, हर्षित मित्तल, विनय नायर, सतीश जैन रहे।


प्रधानाचार्य

सेन्ट. आर. सी. काॅन्वेंट स्कूल,

शामली


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