अजमेर गरीब नवाज की दरगाह में देश से कोरोना को भगाने के लिए 21हजार (चिराग) दीये जलाए...इस के साथ ही दुआए की गई

सूफ़ी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में आज कोरोनकाल के चलते कोरोना वायरस को भगाने के लिए 21 हजार दीये जलाए गए।
अजमेर गरीब नवाज की दरगाह में रात 10 बजे चिश्तिया सूफी मिशन की ओर से 21 हजार दिये(चिराग)जलाए गए ।
जानकारी देते हुए चिश्तिया सूफी मिशन अध्यक्ष दरगाह ख़ादिम यासिर गुर्देजी ने बताया कि कोरोना वायरस से आज इस संकट की

घड़ी में देश के लोग जीने के लिए मजबूर है और कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है जिससे जन-जीवन भी अस्त व्यस्त हो रहा है जिससे लोग काफी परेशान है और कोरोना वायरस महामारी से जल्द से जल्द इससे निजात पाना चाहते है।
आज हमने देश के लोगो ओर उनकी भावनाओं का ख्याल रखते हुए गरीब नवाज की दरगाह में रात 10 बजे 21 हजार चिराग एक साथ जलाए गए।
इन चिरागों कि रोशनी से देश से कोरोना भागेगा यह उम्मीदों की रोशनी ओर खुशहाली की रोशनी है।
कोरोनकाल के बीच लॉकडाउन है ओर ऐसे में जायरीनों ओर आम-आदमी का दरगाह में प्रवेश वर्जित है।


इसलिए आज रात्रि इस रस्म में पास धारी ख़ादिम ही मौजूद रहे और सभी ने सम्पूर्ण दरगाह के मुख्य स्थानों पर दिये रखे ओर देश मे अमन चैन के लिए ओर कोरोना को भगाने के लिए दुआ भी की गई।
ज्ञात रहे कि चिराग (दिये) जलाने की रस्म को 30 मई को किया

जाना था लेकिन दरगाह नाजिम शकील अहमद ने यह कहकर माना कर दिया कि दरगाह कमेटी के पास इसकी कोई सूचना नही है और सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि नाजिम शकील अहमद ने साफ माना कर दिया है और उनके आदेश के बाद ही दरगाह मे दीये जलाए जा सकते है।
दूसरी ओर खादिमो का कहना रहा कि यह हमारी आस्था को ठेस है और दिये जलाने में नाजिम के आदेश की क्यो जरूरत है और दरगाह में सभी धार्मिक रस्मे खादिमो के द्वारा की जाती है और यह रस्म बहुत पुरानी है यदि देश में सुख शांति बनाए और कोरोना वायरस जैसी महामारी को भगाने के लिए यदि यह 21 हजार दीपक जलाएं जा रहे है तो किसी को क्या ऐतराज है।
सभी खादिमो ने मामले को ठंडा करते हुए अगले दिन इस रस्म को पूरा करने के लिए कहा गया।
 दीपक(चिराग)जलाने से अनुमति नही मिलने से यह रस्म 31 मई को पूर्ण की गई।

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