प्रतापगढ़ कचहरी प्रांगण में विगत हफ्तों से पूर्व से बैठे धरने पर गरीब महिलाओं की व्यथा सुनने की किसी अधिकारी के पास समय नहीं है जहां होली का त्योहार आम जनमानस बड़े धूमधाम से मनाने मैं लगा
वही इन गरीब महिलाओं की व्यथा सुनने के लिए किसी अधिकारी कर्मचारी के पास समय नहीं बेचारी धरने पर बैठी गरीब महिलाएं एक टक लगाए अधिकारियों की बाट जोह रही है इनके लिए कैसी होली
कैसा त्यौहार क्या यही है योगी सरकार की व्यवस्था अधिकारियों की उदासीनता की भेंट चढ़ गई इनकी होली काश अधिकारीगण इन गरीब महिलाओं की समस्याओं का निराकरण करा दिए होते तो
शायद यह गरीब महिलाएं जो कचहरी प्रांगण में भूखी प्यासी अपनी फरियाद लिए धरने पर बैठी हैं यह लोग भी अपने घर परिवार में जाकर होली का त्यौहार मनाती वाह रे सरकार वाह रे शासन व्यवस्था
पूछने पर पता चला कि नए डीएम साहब आए हैं उनसे बड़ी उम्मीदें रही हम लोगों को परंतु कई बार डीएम साहब से मिलने के बावजूद भी हम लोगों की समस्याएं जस की तस बनी हुई जो भी उनके
अधीनस्थ कर्मचारी हैं # भले साहब आदेश कई देय पर उनके जवन कर्मचारी अहय ओनकै आदेश सुनय का तैयार नाही अहै ,, यह बहुत गंभीर समस्या है कि बड़े आला अधिकारी आदेश करें और उनके
निचले स्तर के कर्मचारी उसको ठेंगे पर मारे यह व्यथा धरने पर बैठी गरीब महिलाओं की है आला अधिकारियों को इस पर विचार करने की अहम आवश्यकता है जिससे इन गरीब दलित महिलाओं को
न्याय मिल सके और समाज में न्याय कानून के प्रति लोगों का विश्वास कायम रहे ।
सुनिए वीडियो में पीड़ितों की जुबानी
वही इन गरीब महिलाओं की व्यथा सुनने के लिए किसी अधिकारी कर्मचारी के पास समय नहीं बेचारी धरने पर बैठी गरीब महिलाएं एक टक लगाए अधिकारियों की बाट जोह रही है इनके लिए कैसी होली
कैसा त्यौहार क्या यही है योगी सरकार की व्यवस्था अधिकारियों की उदासीनता की भेंट चढ़ गई इनकी होली काश अधिकारीगण इन गरीब महिलाओं की समस्याओं का निराकरण करा दिए होते तो
शायद यह गरीब महिलाएं जो कचहरी प्रांगण में भूखी प्यासी अपनी फरियाद लिए धरने पर बैठी हैं यह लोग भी अपने घर परिवार में जाकर होली का त्यौहार मनाती वाह रे सरकार वाह रे शासन व्यवस्था
पूछने पर पता चला कि नए डीएम साहब आए हैं उनसे बड़ी उम्मीदें रही हम लोगों को परंतु कई बार डीएम साहब से मिलने के बावजूद भी हम लोगों की समस्याएं जस की तस बनी हुई जो भी उनके
अधीनस्थ कर्मचारी हैं # भले साहब आदेश कई देय पर उनके जवन कर्मचारी अहय ओनकै आदेश सुनय का तैयार नाही अहै ,, यह बहुत गंभीर समस्या है कि बड़े आला अधिकारी आदेश करें और उनके
निचले स्तर के कर्मचारी उसको ठेंगे पर मारे यह व्यथा धरने पर बैठी गरीब महिलाओं की है आला अधिकारियों को इस पर विचार करने की अहम आवश्यकता है जिससे इन गरीब दलित महिलाओं को
न्याय मिल सके और समाज में न्याय कानून के प्रति लोगों का विश्वास कायम रहे ।
सुनिए वीडियो में पीड़ितों की जुबानी
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