आज का नेता समाज सेवक नहीं, समाज शोषित होता है - पुष्पा भाटी


भीलवाड़ा, राजस्थान (भैरू सिंह राठौड़) आज की राजनीति में नेताओं की क्या ‌परिभाषा होती है। यह श्रीगंगानगर की कवियत्री लेखिका और पत्रकार पुष्पा भाटी ने अपने इस लेख में बड़े ही अच्छे

ढंग से नेताओं की व्याख्या की है। पुष्पा भाटी कहती हैं कि नहीं बिल्कुल नहीं नेता के अन्दर एक स्वार्थ छुपा होता हैं। जिससे आम जनता अंजान होती है। आज के नेताओं के लिए सेवा नहीं स्वार्थ बन

चुकी राजनीति को आज के नेताओं ने राजनीति का अपराधीकरण कर दिया है। आज के नेताओं के अपने इलाके में छंटे हुए बदमाशों से काफी सांठ-गांठ होती है जो निहायत ही जगजाहिर हैं। जब नेता की

असलियत जनता के सामने आती हैं तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। राजनीति में आज के नेताओं द्वारा जनता का शोषण करना आम बात हो गई है।

वह अनजान बनकर जनता का तब तक शोषण करता रहता है जब तक उसकी हरकते जनता के सामने नहीं आ जाती है। आजकल यह हालात हैं कि सरकार की ओर से आने वाली योजनाएं जनता तक

पहुँचते से पहली ही उसकी बंदर बाट हो जाती हैं। योजनाओं के आते  ही नेता लोग आकाश में ऐसे उङते हुए  प्रतीत होते है जैसे मानों उन्हे कुबेर का खजाना मिल गया हो,

बुद्धिजीवी लोग इस बात को लेकर विरोध जता रहे है कि सरकार द्वारा अनंत योजनाएं  चलाने के बावजूद भी आम जनता इनसे वंचित क्यों है यह एक चिंताजनक विषय है। धिक्कार है उन नेताओं को जो

ईश्वर की तरह विचार रख जालिमों की तरह आम जनता से व्यवहार करते है। बंद मुट्ठी में तुम्हारे देश की शान खुद को पहचानो तुम्हारे ही पाँवो तले जहान है। खुद तुम राजा खुद प्रजा की पहचान हो।

जालिमों नेताओं को निकालो अपने दिलों से जो बेच कर खा गये जनता के सपनो के संसार को इसके विपरीत कुछ नेता बहुत अच्छी प्रवृति के भी होते है। जो जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाने मे

तौहीन महसूस करतें है। ओर अपने गुनाहों को मिटाने के लिए जनता के सच्चे मददगार बनते हैं। अब जनता को जागरूक होने की जरुरत है। कि वो सच्चे और अच्छे नेताओं का चयन करें। निकम्मे और

स्वार्थी नेताओं का बहिष्कार करें। ताकि सभी सही योजनाओं का लाभ शत् प्रतिशत आम जनता को मिल सके।
लेखिका - पुष्पा भाटी   

                                       *रिपोर्ट - भैरू सिंह राठौड़ भीलवाड़ा (राजस्थान) 09799988158*

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